भोपाल । बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है, जिसके मंगलवार को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने की संभावना है। रुक-रुककर वर्षा होने का दौर भी प्रारंभ हो सकता है ।मानसून द्रोणिका के हिमालय की तलहटी में बने रहने के कारण मध्य प्रदेश में बारिश का दौर थमा हुआ है। उधर, धूप के तेवर तीखे होने के कारण सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। उधर, रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मलाजखंड में तीन मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अशफाक हुसैन ने बताया कि वर्तमान में मानसून द्रोणिका के दोनों सिरे हिमालय की तलहटी में बने हुए हैं। उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। 48 घंटों के दौरान इस मौसम प्रणाली के उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने के आसार हैं। इसके प्रभाव से मंगलवार से पूर्वी मप्र में मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगेगी। धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में वर्षा होने का सिलसिला शुरू हो सकता है। इससे सूखने के कगार पर पहुंच गई सोयाबीन, धान, उड़द, मूंग की फसलों को जीवनदान मिलने की भी संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के क्षेत्र के बनते ही मानसून द्रोणिका के पूर्वी छोर के अपनी सामान्य स्थिति में आने की संभावना है। इस वजह से पांच सितंबर से रुक-रुककर बारिश का सिलसिला पांच-छह दिन तक बना रह सकता है। बता दें कि इस सीजन में इस वर्ष एक जून से लेकर रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मध्य प्रदेश में कुल 662.2 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो अभी तक होने वाली सामान्य वर्षा 808.2 मिलीमीटर वर्षा की तुलना में 18 प्रतिशत कम है। 27 जिलों में सामान्य से 20 से लेकर 46 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।