नई दिल्ली । जस्टिस रोहिणी आयोग पिछड़ा वर्ग वर्गीकरण की रिपोर्ट जल्द ही सरकार को सौंपने जा रहा है। रिपोर्ट को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया है। संभावना जताई जा रही है कि एक-दो दिन के अंदर ही यह सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी। 2017 में इस आयोग का गठन हुआ था।इस आयोग का कार्यकाल 15 बार बढ़ाया गया है। भारत में ओबीसी की करीब 2700 जातियां हैं।मौजूदा आरक्षण नियमों के तहत पिछड़ा वर्ग जातियों के लिए कुल 27 फ़ीसदी आरक्षण निर्धारित किया गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछड़ा वर्ग की सभी 27 जातियों को 4 वर्गों में बांटा गया है। जिन्हें अभी तक एक बार भी आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। इन जातियों की संख्या लगभग 1500 बताई जा रही है।
 सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आयोग ने रिपोर्ट सौंपने के लिए सरकार से समय मांगा है। 31 जुलाई को आयोग का कार्यकाल खत्म हो रहा है। आयोग ने पिछड़े वर्ग की, उन जातियों को प्राथमिकता दी है। जिन्हें अभी तक कोई आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। दूसरा जिन्हें आरक्षण का लाभ मिला है,लेकिन कम मात्रा में मिला है।तीसरा जिस वर्ग को सबसे ज्यादा लाभ मिला है। आरक्षण का परसेंटेज उसी हिसाब से रखने की अनुशंसा आयोग ने की है।
 सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में मिले आरक्षण को आधार बनाकर यह रिपोर्ट तैयार की जा रही है। यह तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट है। इसे बंद लिफाफे में सरकार को सौंपा जाएगा।इस रिपोर्ट के आधार पर कब कैसे आरक्षण को  लागू किया जाना है। इसके बारे में अंतिम निर्णय सरकार को ही लेना होगा।