जयपुर । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने विधानसभा में विधायक श्रीमती सूर्यकांता व्यास के मूल प्रश्न के उत्तर में सदन को आश्वस्त किया कि  खाद्य पदार्थों की जांच के लिए राज्य में शीघ्र ही रैफरल लैब स्थापित की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य खाद्य जांच प्रयोगशाला एवं रैफरल लैब द्वारा खाद्य नमूनों की जांच के लिए अलग-अलग पैरामीटर हैं। राज्य सरकार की ओर से देश भर में एक ही पेरामीटर निश्चित करने के लिए भी केन्द्र सरकार को पत्र लिखा गया है।  
मीणा ने कहा कि राज्य प्रयोगशाला में खाद्य नमूनों की जांच में अनसेफ आए नमूनों की जांच रैफरल से कराई जा सकती है। वर्तमान में मुम्बई, पुणे तथा मैसूर में रैफरल लैब स्थापित हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य में सेफ तथा अनसेफ के पैरामीटर अलग अलग हैं। उन्होंने बताया कि राज्य प्रयोगशाला में अनसेफ 1202 नमूने रैफरल में भेजे गए थे, जहां उनमें से केवल 154 ही अनसेफ पाए गए। उन्होंने बताया कि  केन्द्र सरकार द्वारा राज्य में भी रैफरल लैब की शीघ्र स्थापना का आश्वासन दिया गया है। राज्य में खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच के लिए सरकारी प्रयोगशालाएं स्थापित हैं। उन्होंने सरकारी प्रयोगशालाओं में गत चार वर्षों में लिये नमूनों तथा उनसे प्राप्त रिपोर्टों का वर्षवार एवं जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने उक्त रिपोर्ट से राज्य की खाद्य प्रयोगशालाओं द्वारा अनसेफ घोषित नमूनों से रेफरल लैब में भेजे जाने पर प्राप्त रेफरल से निर्णयों, अमानक एवं मानक माने गये नमूनों की वर्षवार एवं जिलेवार सूचना भी सदन के पटल पर रखी। मीणा ने कहा कि खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा-46(4) में खाद्य विश्?लेषक की रिपोर्ट के विरूद्ध अपील संबंधित अभिहित पदाधिकारी को किये जाने के प्रावधान है। इन प्रावधानों के तहत संबंधित अभिहित अधिकारी द्वारा अपील किए जाने पर नमूनों की जांच अभिहित अधिकारी द्वारा रेफरल प्रयोगशाला से करवाई जा सकती है। एफएसएसएआई द्वारा राज्य के लिये मैसूर, पूणे एवं नवी मुंबई तीन रैफरल लैब नियत की गई है।