लखनऊ| संजय गांधी पोस्टग्रेजुए इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सौदे (एसजीपीजीआईएमएस) ने 23 नवंबर में दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सामने आने के बाद किसी भी जोन 'रेनसमवेयर हमलों' से अपनी सूचना प्रणाली को बचाने की तैयारी शुरू कर दी है। एसजीपीजीआईएमएस के निदेशक प्रोफेसर आरके. धीमान ने अस्पताल सूचना प्रणाली (एचआईएस) पर किसी भी साइबर हमले को रोकने के उपाय करने के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियरों और डॉक्टरों की एक आपातकालीन बैठक बुलाई।

एम्स ने अपने सर्वर पर बड़े पैमाने पर साइबर हमले की सूचना दी थी, जिसमें इसकी सभी रोगी देखभाल सेवाएं - अपॉइंटमेंट, पंजीकरण, प्रवेश, डिस्चार्ज, बिलिंग और रिपोर्ट जनरेशन गंभीर रूप से प्रभावित हुई थीं।

उन्होंने कहा कि एम्स, नई दिल्ली से सबक लिया जाना चाहिए, जिसे 23 नवंबर को एक संदिग्ध रैंसमवेयर हमले के कारण आईटी आउटेज का सामना करना पड़ा।

पीजीआई का ई-हॉस्पिटल प्लेटफॉर्म आंतरिक कार्यप्रवाह और प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण को सक्षम बनाता है और मरीजों, अस्पतालों और डॉक्टरों को जोड़ने वाले प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है। इसमें कई वीवीआईपी का डेटा शामिल है।