नई दिल्ली । शरद पवार की राकांपा  ने कर्नाटक में अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पार्टी राज्य में 40 से 45 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। हालांकि, सीटों की संख्या क्या होगी यह अभी तक औपचारिक तौर पर घोषित नहीं किया गया है। कर्नाटक चुनाव में राकांपा की एंट्री से मुकाबला और रोमांचक हो गया है। अभी से पहले तक इस बार कर्नाटक चुनाव में मुख्य तौर पर लड़ाई बीजेपी-कांग्रेस -जेडीएस के बीच मानी जा रही थी। लेकिन अब समीकरण बदल सकते हैं। कर्नाटक चुनाव में अपने पार्टी के उम्मीदवार उतारने को लेकर राकांपा का कहना है कि यह फैसला हाल ही में पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीने जाने के बाद लिया गया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल ने कहा कि हमें  ऐसे फैसले करने पड़ेंगे अगर हम एक बार फिर राष्ट्रीय पार्टी बनना चाहते हैं तो। पार्टी का यह फैसला उसी छीन चुके दर्जे को वापस लेने के लिए है। माना जा रहा है कि एनसीपी को उम्मीद है कि वह महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा क्षेत्र में महाराष्ट्र एकीकरण समिति के साथ गठजोड़ करेगी, जो एक बड़ी मराठी आबादी का घर है। 
राकांपा  के इस फैसले को विपक्षी एकता के लिए झटके की तरह देखा जा रहा है। खास बात ये है कि राकांपा के इस ऐलान से एक दिन पहले ही शरद पवार ने दिल्ली में विपक्षी एकता को  और मजबूद करने को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की थी। लेकिन उसके ठीक बाद राकांपा का यह फैसला कर्नाटक चुनाव में रोचक समीकरण जरूर पैदा कर सकता है।