भोपाल। सृजन भ्रमण कार्यक्रम एक पहल शक्ति से सुरक्षा की ओर इन पंक्तियों को चरितार्थ करता हुआ भोपाल पुलिस कमिश्नरेट  का  सामुदायिक पुलिसिंग के अर्तगत नवाचार जिसकी शुरुआत जून 2022 से विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं एवं पुलिस कमिश्नरेट  भोपाल द्वारा की गई जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से पिछड़ी हुई बस्तियों में रहने वाली बालिकाओं की सुरक्षा एवं सर्वांगीण विकास के लिए है।  
इसी तार्यतम में आज दिनांक 28/11/23 को नगरीय पुलिस भोपाल और बचपन संस्था द्वारा सृजन–6,9  गोतम नगर  एवं गोविंदपुरा के कुल  97  बालक -बालिकाओ  को  निम्न स्थानों पर विजिट करवाई गई और  संबंधित स्थान की कार्यप्रणाली को समझाया गया। 
वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में प्रत्येक समाजसेवी संस्था के साथ जुडे सृजन व मैं हूँ अभिमन्यू  के बच्चो को पुलिस की कार्यप्रणली  समझने के लिये सृजन भ्रमण कार्यक्रम को ,सृजन की कोर टीम के द्वारा लगातार संपादित किया जा रहा है।  
भ्रमण कार्यक्रम में डायल 100 से  RI (रेडियो) नरोत्तम चौहान ,  उपनिरीक्षक (रेडियो) वैषाली रामटे,  प्रधान आर. शैलेन्द्र भदौरीया  व  अन्य  कर्मचारी  एवम पुलिस आयुक्त कार्यालय से उपनिरीक्षक श्रीमती मोनिका गरवाल , सूबेदार ऋतुराज वारिव, प्रधान आरक्षक मानमति सिंह , ट्रेनर  आरक्षक गोविंद पाल , महिला आरक्षक नुपुर सिंह , उपस्थित रहे । प्रक्रिया निम्न रही : 
1. महिला थाना 
 थाना प्रभारी सुश्री शिल्पा कौरव द्वारा महिला थाने के कार्य, परामर्शदाता, बालकों हेतु रूम, विवेचक कक्ष, डाटा संग्रहण कक्ष की भूमिका के साथ सम्पूर्ण थाने की विजित दो समूह ने करवारी गई।।
2 एस जे पी यू विजिट
प्रभारी  निरीक्षक किरण पेंड्रो द्वारा विधि विरोधी बालकों हेतु उपलब्ध सुविधाओं, काउंसलिंग प्रक्रिया आदि की जानकारी एवम भ्रमण के माध्यम से SJPU की समझ निर्माण की जानकारी बालिकाओं को  दी गई।
3. 100 डायल विजिट
डायल 100 विजित के दौरान  डायल 100 से  RI (रेडियो) नरोत्तम चौहान व उनके सहयोगी  प्रधान आर. शैलेन्द्र भदौरीया  द्वारा बालक व बालिकाओं को संबोधित करते हुये  डायल 100 से हम कैसे अपने आस-पास होने वाले अपराधो में अंकुश लगा सकते है ,  होने वाले अपराधो की रोकथाम कैसे कर सकते है ,  घटीत अपराधो में पीडित की सहायता कैसे कर सकते है , स्वयं के खिलाफ होने वाले अपराधो की रोकथाम , आदि अन्य जानकारी दी गई ।   सृजन से जुडी बालिकाओ व मैं हूँ अभिमन्यू से जुडे  बालको के द्वारा सर्जन व मै हूँ अभिमंन्यू से जुडने के बाद के अपने अनुभव साझा किये की सृजन कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उनके आत्मविश्वास में बहुत अधिक वृद्धि हुई एवं इनको कानून का सही मतलब समझ आया जिसके द्वारा अपनी बस्तियों में होने वाले अत्याचारों एवं अपराधों की रोकथाम हेतु उनके द्वारा पुलिस की मदद से बहुत सी महिलाओं की मदद की गई । उन्होने अपने स्वंय के  अंदर कितना बदलाव पाया व समाज में अपराधो के खिलाफ कैसे अपनी अहम भूमिका निभाई , व बालक समूह द्वारा बताया गया कि  महिलाओ के  प्रति उन्होनें अपनी  सोच में कैसे  परिवर्तन लाये  व महिलाओ का सम्मान करना व महिला अपराध की रोकथाम करने वाली अपनी बात बताई  । 
5 शोर्यस्मारक विजिट
हमारे देश की अमर शहीदों के युद्ध और शौर्य गाथायो की अनुभूति से अवगत कराया गया।