भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार स्टांप ड्यूटी के जरिए हर साल अरबों रुपए की कमाई कर रही है। स्टांप ड्यूटी ऐसे लोगों पर लगाई जा रही है जो अपनी रोजी-रोटी के लिए बैंकों से कर्ज लेते हैं। नगर निगम या स्थानीय संस्थाओं से दुकान या जगह किराए पर लेते हैं। लीज पर लेते समय बाजार मूल्य का पैसा जमा करते हैं। लीज नवीनीकरण के नाम पर फिर बाजार दर की हिसाब से स्टांप ड्यूटी चुकाना, यह लोगों को अब भारी पड़ रहा है। लीज नवीनीकरण के समय भारी रिश्वत भी आम आदमियों की कमर झुका रही है।

बैंक लोन पर बार-बार स्टैंप ड्यूटी
मध्य प्रदेश सरकार ने बैंकों से लोन लेने पर, लोन का नवीनीकरण कराने पर,एक बैंक का कर्ज दूसरे बैंक में ट्रांसफर करने पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा स्टांप ड्यूटी लगाई जा रही है। इसी तरह मकान जमीन  किराए पर लेने, बेचने पर भारी स्टांप ड्यूटी आम लोगों को  चुकानी पड़ रही है। स्टांप ड्यूटी अब एक जजिया कर की तरह होता जा रहा है, कर्ज लेने लीज कराने या छोटा मोटा ठेका इत्यादि- इत्यादि में स्टांप ड्यूटी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वसूल की जा रही है। नवीनीकरण के नाम पर बाजार की दर से शुल्क लगाया जा रहा है। इससे अब जनता में नाराजगी बढ़ने लगी है।

चल और अचल संपत्ति दोनों पर स्टांप ड्यूटी
 बैंकों से चल और अचल संपत्ति दोनों की खरीद या बिक्री करने पर स्टांप ड्यूटी के नाम पर कर्जदारों  के ऊपर स्टैंप ड्यूटी का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। मध्यप्रदेश में स्टैंप  ड्यूटी सबसे ज्यादा है। वर्तमान समय में परिवार का खर्च चलाना या व्यापार करना कठिन होता जा रहा है। सरकार द्वारा लगातार टैक्स बढ़ाने एवं टैक्स के दायरे में नई नई सेवाओं के लाने से सरकार की कमाई तो बढ़ रही है। वहीं आम आदमी कर्ज के बोझ से दबा जा रहा है।