दौसा। राजस्थान के दौसा जिले में आत्महत्या करने वाली डॉ अर्चना शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में कहा था, मेरी मौत मेरी बेगुनाही साबित हो सकती है। निर्दोष डॉक्टरों को परेशान न करें। कृपया यह शब्द अपने आप में बहुत कुछ कह रहे हैं। डॉ अर्चना शर्मा अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन एक डॉक्टर ने किस कारण इतना बड़ा कदम उठाया और अपने हंसते खेलते परिवार को छोड़ कर हमेशा के लिए इस दुनिया से चली गयी। डॉ अर्चना शर्मा दौसा में एक निजी अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक थीं। एक गर्भवती महिला की अस्पताल में मौत के मामले में उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। घटना के बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली। अपने सुसाइड नोट में अर्चना शर्मा ने लोगों से अपील की है कि उनकी मौत के बाद उनके पति और बच्चों को परेशान न करें। डॉक्टर ने अपने आप को निर्दोष कहा और निर्दोष डॉक्टरों को परेशान नहीं करने का भी अनुरोध किया।
  मैं अपने पति और बच्चों से बहुत प्यार करती हूं। मैंने कोई गलती नहीं की, किसी को नहीं मारा। पीपीएच एक ज्ञात जटिलता है। इसके लिए डॉक्टरों को इतना परेशान करना बंद करो। मेरी मौत मेरी बेगुनाही साबित कर सकती है। मासूम डॉक्टरों को परेशान मत करो। कृपया। लव यू। मेरे बच्चों को अपनी मां की अनुपस्थिति का एहसास न होने दें।"डॉ अर्चना शर्मा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया था, क्योंकि उनकी मरीज एक गर्भवती महिला की जटिलताओं के परिणामस्वरूप मृत्यु हो गई थी। मरीज की मौत के बाद गर्भवती महिला के परिजनों ने निजी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया। लालसोट पुलिस ने कथित तौर पर राजनीतिक दबाव में डॉ अर्चना शर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज की। इसने कथित तौर पर डॉ शर्मा को चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।
  डॉ अर्चना शर्मा आत्महत्या मामले में दौसा के लालसोट थाना प्रभारी अंकित चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। राजस्थान सरकार ने मामले से निपटने के लिए विभाग के दौसा पुलिस अधीक्षक (एसपी) को हटाने का भी आदेश दिया। इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई। बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए। अशोक गहलोत ने इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और आवश्यक सुझाव देने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के नेतृत्व में एक समिति गठित करने के भी निर्देश दिए।
  राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट कस्बे में इलाज में लापरवाही का मामला दर्ज होने के बाद एक महिला चिकित्सक द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में चिकित्सकों ने संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को प्रदर्शन किया। इस घटना के विरोध में जहां निजी अस्पताल और नर्सिंग होम बंद रहे, वहीं जयपुर में डॉक्टरों ने सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल से लेकर स्टैच्यू सर्कल तक विरोध मार्च निकाला। इसी तरह की रैली दौसा में भी हुई।