भोपाल ।  उत्तरप्रदेश की तरह मध्यप्रदेश में भी शोर पर रोक लगना चाहिए।
यह कहना है मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की फायरब्रांड नेत्री साध्वी उमा भारती का। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार के द्वारा ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए लिया गया नीतिगत निर्णय अभिनंदनीय है। ज्यादा शोर एवं आवाजों से शहर एवं गांव के लोगों को स्नायु तंत्र की बीमारियां बढ़ रही हैं, उन्हें रात में सुख से सोना बहुत जरूरी है। इसलिए रात में 10 बजे से सुबह 7 बजे तक माइक की आवाज पर सख्त नियंत्रण होना चाहिए। सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आवाज की अनुमति इसी शर्त पर मिलनी चाहिए कि वह आवाज इतने ही लोग सुनेंगे जो वहां बैठे हुए हैं, इसमें धर्म का भेदभाव ना हो। उमा भारती ने यह भी लिखा कि अस्पताल और स्कूल इन आवाजों से डिस्टर्ब हो रहे हैं। घरों में रहने वाले विद्यार्थी एवं अस्वस्थ या वृद्ध लोगों की शोर एवं आवाजों से उनकी तकलीफ बढ़ रही हैं। बारातों के डीजे या किसी भी जुलूस के शोर का एक समय तय हो एवं आवाज की सीमित सीमा तय हो तभी हम स्वस्थ समाज की रचना में योगदान दे पाएंगे। हम भी मध्य प्रदेश में इस प्रकार का निर्णय लें। मालूम हो किउत्तरप्रदेश में आगामी त्यौहार को देखते हुए जालौन के उपजिलाधिकारी अंकुर कौशिक और सीओ संतोष कुमार ने जालौन चौकी में शांति समिति की बैठक धर्मगुरुओं और संभ्रांत नागरिकों के साथ की। जिससे आगामी त्यौहार में किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना क्षेत्र में न घट सके। साथ ही मंदिर मस्जिद में लगने वाले लाउडस्पीकर की भी आवाज को सीमित रखने के निर्देश दिए हैं। वहीं जालौन के क्षेत्राधिकारी संतोष कुमार ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक ही त्योहारों को मनाएं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है कि किसी भी व्यक्ति को कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाए। यदि किसी व्यक्ति ने इसका विरोध या उल्लंघन किया तो दंडात्मक कार्रवाई होगी। जुर्माना भी वसूल किया जाएगा।सम्पत्ति तक कुर्क हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि मस्जिदों, मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए लगे हुए माइक की आवाज 60 डिसीविल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। किसी भी आयोजन के लिए प्रशासन से परमीशन लेनी होगी। नए तौर पर किसी भी प्रकार के आयोजन की अनुमति नहीं दी जायेगी।