जयपुर | राजस्थान प्रदेश के 33 जिलों के 6500 बेरोजगार वंचित विद्यार्थी मित्र अपनी रोजी-रोटी के लिए गुरुवार को जयपुर के 22 गोदाम पर एकत्रित हुए और धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान राज्य सरकार से संविदा सेवा नियम 2022 में शामिल करके विद्यालय सहायक के पद पर रोजगार दिलाने की जोरशोर से मांग की गई।वंचित विद्यार्थी मित्र शिक्षक संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष पंडित राम निवास शर्मा के नेतृत्व में सैकड़ों की तादाद में सभी वंचित विद्यार्थी मित्र शिक्षक अजमेर से दांडी मार्च पैदल यात्रा करते हुए गुरुवार को सवेरे 9:00 बजे 22 गोदाम जयपुर पहुंचे। जहां अपने हक के लिए धरना प्रदर्शन किया गया। यह दांडी यात्रा 13 मार्च को अजमेर से शुरू की गई।

इस दौरान तीन वंचित विद्यार्थी मित्रों की तबीयत भी खराब हो गई है।वंचित विद्यार्थी मित्र शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता टेकचंद सागर ने बताया कि दांडी मार्च यात्रा में प्रदेशभर के सैकड़ों विद्यार्थी मित्रों भाग ले रहे हैं। उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने बताया कि वंचित विद्यार्थी मित्र शिक्षक धरने में शामिल होने के लिए पहुंचने का आह्वान किया।

गौरतलब है कि वर्ष 2006-2007 से लेकर 30 अप्रैल 2014 तक विद्यार्थी मित्रों ने सरकारी विद्यालयों में अल्प मानदेय पर सेवाएं दीं। तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2014 में बिना किसी आदेश के 27000 विद्यार्थी मित्रों को बेरोजगार कर दिया और 2013 में विद्यार्थी मित्रों को नियमित करने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा शिक्षा सहायक भर्ती निकाली गई, लेकिन भाजपा सरकार ने इस भर्ती को रद्द करके इस भर्ती का नाम विद्यालय सहायक कर दिया। ये भर्ती भी कोर्ट में फंस गई।

विद्यार्थी मित्रों के आंदोलन को देखते हुए वर्ष 2017 में अस्थायी भर्ती पंचायत सहायक निकाली गई। इसमें अस्पष्ट नियमों और भाई भतीजावाद के कारण अपने चहेते लोगों को नौकरी दे दी। इस कारण राजस्थान में लगभग 6500 विद्यार्थी मित्रों को योग्य होने के बावजूद चयन से वंचित रखा गया। राज्य सरकार के बजट में भी वंचित विद्यार्थी मित्रों को दरकिनार किया गया है। अत:  वंचित विद्यार्थी मित्रों का पूर्व अनुभव को देखते हुए संविदा सेवा नियम 2022 के अनुसार विद्यालय सहायक पदों पर नियुक्ति दी जाए।