नई दिल्ली। नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचा बोइंग का सीएसटी-100 स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट 15 दिन से अंतरिक्ष में अटका है। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर वहां फंसे हैं। नासा का कहना है कि जुलाई की शुरुआत में किसी समय वापसी का लक्ष्य रखा जा सकता है। दोनों 5 जून को स्टारलाइनर के साथ परीक्षण उड़ान के लिए अंतरिक्ष स्टेशन तक गए थे। तय कार्यक्रम के मुताबिक उन्हें स्टारलाइनर के साथ 13 जून को धरती पर लौटना था लेकिन विमान में गड़गड़ी के कारण उनकी वापसी नहीं हो पाई है। नासा ने बृहस्पतिवार को एलान किया कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को 2030 तक बंद करके इसे सुरक्षित तरीके से नष्ट करने के लिए स्पेस एक्स के साथ करार किया गया है। स्पेस एक्स 400 टन वजनी अंतरिक्ष स्टेशन को कक्षा से बाहर (डीऑर्बिट) करने के लिए एक खास व्हीकल तैयार करेगा। नासा व बोइंग का दावा है कि स्टारलाइनर फिलहाल अंतरिक्ष स्टेशन के फॉरर्वड पोर्ट पर डॉक है। वहीं, दूसरे हिस्से में स्पेस एक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट मौजूद है, जिससे दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर सुरक्षित लाया जा सकता है।

बोइंग, नासा और अंतरिक्ष यात्री अब क्या कर रहे

नासा और बोइंग दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के आईएसएस पर बिताए जा रहे अतिरिक्त समय का उपयोग थ्रस्टर्स से संबंधित समस्याओं के आकलन के लिए कर रहे हैं। नासा के मुख्य एयरोनॉटिक्स इंजीनियर स्टीवन हिशॉर्न ने बताया कि स्टारलाइनर की रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर और प्रोपल्शन प्रणाली में हीलियम लीक जैसी सभी समस्याएं सर्विस मॉड्यूल पर स्थित हैं। जब चालक दल धरती पर लौटेगा, तो सर्विस मॉड्यूल साथ नहीं आएगा, यह वापसी के दौरान वायुमंडल में प्रवेश करने पर जल जाएगा।