झुंझुनूं। राजस्थान के झुंझुनूं की विवाहिता ने फर्जी डॉक्टयुमेंट लगाकर ग्रेड थर्ड की टीचर की नौकरी पा ली। 14 साल तक नौकरी करते हुए 88 लाख रुपए की सैलरी भी सरकार से ली। इस महिला ने पहले पति के फर्जी डेथ सर्टिफिकेट से नौकरी ली थी। मामला झुंझुनूं के गुड़ागौड़जी थाने का है। जांच में दोषी पाए जाने पर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। हैरानी यह कि महिला टीचर ने तीन शादियां की थीं। मंजू का तीसरा ससुराल तोगड़ा में है। थानाधिकारी संजय वर्मा ने बताया कि गिरफ्तार मंजू देवी (38) पुत्री रामकुमार सीकर जिले के बिड़ोदी छोटी की रहने वाली है। फिलहाल महिला चौमूं के पास गोविंदगढ़ पंचायत समिति की ढाणी इटावा के स्कूल में शिक्षक के पद पर तैनात थी। पुलिस जांच में सामने आया कि मंजू की शादी जून 1996 में खेदड़ों की ढाणी तन गुढ़ागौडजी के रामनिवास उर्फ निवासराम पुत्र भूराराम जाट से हुई थी। करीब चार साल बाद 2000 में इनका तलाक हो गया। इसके बाद दोनों ने दूसरी शादी कर ली।
  मंजू कुमारी ने लक्ष्मणगढ़ के कुमास निवासी बाबूलाल से शादी की। इस बीच रामनिवास की 11 दिसंबर 2001 को मौत हो गई। इसका डेथ सर्टिफिकेट 20 दिसंबर 2001 को जारी हुआ। सरकारी नौकरी के लिए मंजू ने दूसरी शादी की बात किसी को नहीं बताई। इसके साथ ही दूसरी शादी के बाद भी पहले पति का एक साल पहले का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बना 2008 में थर्ड ग्रेड टीचर की नौकरी पर लग गई। पहले पति की मौत 2001 में हुई थी। सरकारी नौकरी के लिए मंजू ने वर्ष 2000 का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाया। मंजू के स्वभाव के चलते दूसरे पति के साथ भी शादी लंबी नहीं चली। अनबन के बाद दूसरे पति बाबूलाल से भी तलाक हो गया। इसके बाद 3 जून 2011 को तोगड़ा निवासी महेश कुमार से तीसरी शादी की। शादी के कुछ समय बाद ही इनके बीच भी अक्सर अनबन होने लगी। मंजू देवी ने तीसरे पति महेश कुमार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करवा दिया। इसके बाद तीसरे पति महेश कुमार ने 2021 में झुंझुनूं एसपी को दी शिकायत में बता दिया कि पत्नी मंजू ने फर्जी डेथ सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हासिल की है। एसपी के सामने मंजू के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद मामले में जांच बैठाई गई। इसकी जांच एसआई बंशीधर ने की। जांच में यह साबित हो गया कि मंजू ने गलत कागजातों से नौकरी हासिल की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया कि वह अब तक करीब 88 लाख रुपये की सैलरी ले चुकी थी।