लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) के आरक्षण वाले बयान पर नेता प्रतिपक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में हमें कोई टीका टिप्पणी नहीं करनी है। चिराग पासवान खुद ही कहा था कि जो संपन्न दलित है उसे आरक्षण लौटा देना चाहिए।

'कोई भी खुदगर्ज आदमी होता तो वह मोदी जी के साथ नहीं रहता'
तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिराग पासवान के साथ जो किया, उनके पिता की मूर्ति फेंकवा दी, उनके घर को खाली करवाया, उनकी पार्टी को तुड़वाया, उनके पार्टी का जो सिंबल बांग्ला था उसे छिनने का काम किया। उनके घर में चाचा भतीजे में लड़ाई लगवाया... फिर भी चिराग पासवान मोदी जी के हनुमान बने हुए हैं। कोई भी खुदगर्ज आदमी होता तो वह मोदी जी के साथ नहीं रहता। पर पता नहीं चिराग पासवान जी की क्या सोच है? वह स्वतंत्र है किसी के भी साथ रहने को, लेकिन आरक्षण के बारे में चिराग पासवान जी को थोड़ी सी भी जानकारी नहीं है। और ना ही उन्हें आरएसएस के इतिहास के बारे में जानकारी है। थोड़ा उनका आरएसएस के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। यह जानकारी उन्हें तब प्राप्त होगी जब वह अपने पिताजी स्वर्गीय रामविलास पासवान जी जो हम सबों के नेता थे उनके भाषणों को सुनें।

'पहले अपने पिताजी के भाषणों को सुन लें चिराग'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह(चिराग) पहले अपने पिताजी के भाषणों को सुन लें.. समझ लें...जिसमें रामविलास पासवान जी ने साफ तौर पर कहा था कि बीजेपी जो है, वह आरक्षण को समाप्त करना चाहती है। वह दंगाई पार्टी है। जिसकी वजह से उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा तक दे डाला था। यह सब लोग जानते हैं और जहां तक बात चिराग पासवान की है, वह नादान है कोई उन्हें बहलाता-फुसलता है तो भटक जाते हैं। जब तक मोदी जी हैं तब तक लोकतंत्र और संविधान पर खतरा है। यह यथार्थ है, सच्चाई है। किसी इंसान को अपना आंख और कान बंद करके नहीं रहना चाहिए। यह दोनों चीज खुली रखनी चाहिए और देखना चाहिए । एनडीए के कैंडिडेट साफ-साफ कह रहे हैं कि 400 के पार लाओ और हम संविधान बदलेंगे।