प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को भर एवं राजभर जाति को अनुसूचित जाति/जनजाति का दर्जा देने से संबंधित केंद्र सरकार के पत्र के संदर्भ में राज्य सरकार को दो माह में अपना प्रस्ताव केंद्र को भेजने के लिए अतिरिक्त समय दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने जागो राजभर जागो समिति की अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 11 अक्तूबर 2021 को पत्र लिखकर राज्य सरकार से भर एवं राजभर जातियों को अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) का दर्जा देने के संदर्भ में प्रस्ताव मांगा था।

हाई कोर्ट ने मांगा था हलफनामा

इस पत्र के जवाब में राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। याचिका पर कोर्ट ने राज्य सरकार को दो माह में प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया था किंतु आदेश पर अमल नहीं किया गया। इसके बाद अवमानना याचिका पर हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण से हलफनामा मांगा।

प्रमुख सचिव के हलफनामे में कहा गया कि राज्य सरकार को जातियों का अध्ययन करने के लिए और समय दिया जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देशित किया कि अधिकतम चार माह के भीतर केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया जाए।