जयपुर | राजस्थान कांग्रेस सरकार में सीएम गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट खेमे के बीच चली लम्बी खींचतान के दौरान ही गहलोत ने यह फैसला कर लिया था कि इस बार साल 2023-24 का बजट सत्र जल्दी बुलाया जाएगा। ताकि समय पर बजट घोषणाओं के इम्प्लीमेंटेशन का काम किया जा सके। क्योंकि फिर विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटना है।बुधवार को ही विधानसभा के पिछले बजट सत्र का सत्रावसान किया गया था। गुरुवार को अगले ही दिन बजट सत्र बुलाने की फिर मंजूरी दे दी गई है।

राज्यपाल की मंजूरी के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के निर्देश पर विधानसभा सचिव ने विधानसभा का बजट सत्र 23 जनवरी से शुरू करने की अधिसूचना जारी कर दी है।बता दें कि गुरुवार शाम को ही सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की थी। सीएम के मुलाकात के कुछ समय बाद ही राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र को मंजूरी दे दी है। 23 जनवरी को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत होगी। इस बार राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस होगी।

वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पांचवा और अपने मौजूदा कार्यकाल का अंतिम और चुनावी बजट पेश करेंगे।माना जा रहा है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बार लोक लुभावन और चुनावी बजट पेश करेंगे। बजट में किसान, युवा, बेरोजगारों, महिलाओं, एससी-एसटी और आम-गरीब वर्ग के साथ ही व्यापारी वर्ग का भी ख्याल रखा जाएगा। एक ओर ठंड के मौसम में राजस्थान में कांग्रेस की सियासत में गर्माहट का माहौल है। एक ओर प्रदेश कांग्रेस के नव नियुक्त प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के साथ मैराथन बैठकों का दौर जारी रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अचानक राजभवन पहुंचकर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर बजट सत्र आहूत करने की मंजूरी ले ली है। गहलोत अपने तीसरे कार्यकाल के अंतिम वर्ष का बजट जल्द से जल्द पेश करना चाहते थे।