जयपुर । खरीफ फसल में सूखे की स्थिति के कारण हुए नुकसान के आंकलन के लिए जैसलमेर पहुंचे अन्तर मंत्रालय केन्द्रीय दल ने जैसलमेर जिला कलक्ट्रेट सभा कक्ष में जन प्रतिनिधियों, एवं अधिकारियों के साथ चर्चा की और क्षेत्रवार, विभागवार एवं प्रवृत्तिवार विस्तृत जानकारी ली। जिला कलक्टर डॉ. प्रतिभा सिंह ने केन्द्रीय अध्ययन दल को जैसलमेर जिले की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं आदि के मद्देनजऱ सूखे व इससे प्रभावित जनजीवन और पशुओं पर पडऩे वाले प्रभाव के साथ ही इससे संबंधित तमाम पहलुओं पर पीपीपी के माध्यम से विस्तार से अवगत कराया और दल से आग्रह किया कि जैसलमेर जिले के इन वास्तविक हालातों और तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए पर्याप्त सहायता मुहैया कराई जाए।
बैठक में केन्द्रीय अध्ययन दल के अधिकारियों केन्द्रीय जल आयोग के निदेशक एच.एस. सेंगर एवं नीति आयोग नई दिल्ली के सहायक निदेशक शिवचरण मीणा ने जिले के हालातों के बारे में विस्तार से जानकारी ली और खरीफ में सूखे की स्थिति के कारण हुए नुकसान के बारे में कृषि, इन्दिरा गांधी नहर परियोजना, पशुपालन, राजस्व आदि से संबंधित अधिकारियों से चर्चा की और जानकारी पायी।बैठक में  जन प्रतिनिधियों ने भी जिले को अधिक से अधिक सहायता एवं राहत मुहैया कराने का आग्रह किया और कहा कि जिले में अकाल की परिस्थितियों को देखते हुए महानरेगा में भी रोजगार दिवसों की संख्या को 100 से बढ़ाकर 200 की जानी चाहिए ताकि लोगों को रोजगार प्राप्त हो एवं आसानी से अपना जीवनयापन करने में सम्बल प्राप्त हो सके। बैठक में जैसलमेर जिला प्रमुख प्रतापसिंह, जिले की विभिन्न पंचायत समितियों के प्रधानों श्रीमती कृष्णा चौधरी(मोहनगढ़), अर्जुनराम मेघवाल(नाचना), तनसिंह सोढ़ा(सम), जनकसिंह (फतेहगढ़), रसालकुंवर (जैसलमेर), पूर्व जिलाप्रमुख श्रीमती अंजमा मेघवाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर हरि सिंह मीना, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. टी. शुभमंगला सहित तमाम महत्वपूर्ण विभागों के जिलाधिकारीगण उपस्थित थे।