बादल तो मंडरा रहे पर खुलकर नही बरसे
भोपाल । सोमवार को भी बादलों की अठखेलियां जारी रहेगी। आसमान पर बादल तो मंडरा रहे पर खुलकर बरस नही रहे। रविवार को भी सुबह से बादलों की आवाजाही जरी रही। बीच-बीच में चटक धूप भी निकलती रही। बादलों की रंगत देख ऐसा लगा कि जोरदार बारिश होगी लेकिन बादल दगाबाज निकले हल्की बूंदाबांदी कर हवा के साथ आगे बढ़ गए। बादलों की बेरूखी और धूप के बीच बूंदाबांदी के बीच तेज उमस भी महसूस हुई। मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के आसपास हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात नमी मिलने के कारण फिर कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो गया है। मानसून द्रोणिका श्रीगंगानगर, लखनऊ से होकर गुजर रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इन दो मौसम प्रणालियों के असर से रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, चंबल संभाग में झमाझम वर्षा हो सकती है। प्रदेश के शेष क्षेत्रों में कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं। मानसून ट्रफ श्रीगंगानगर, रोहतक, लखनऊ, गया, रांची से कम दबाव के क्षेत्र से होती हुई बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। पंजाब एवं उससे लगे पाकिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान और उसके आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तरी ओडिशा से कमजोर पड़कर बंगाल में गंगा नदी के क्षेत्र में पहुंचकर कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो गया है। इसके साथ ही यह मौसम प्रणाली वापस उत्तरी ओडिशा और उससे लगे झारखंड पर सक्रिय है। इसके प्रभाव से पूर्वी एवं उत्तरी मप्र में अच्छी वर्षा होने की संभावना बढ़ गई है।शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सीधी में 17, दमोह में 14, सागर में पांच, जबलपुर में 1.5 मिलीमीटर वर्षा हुई। उज्जैन एवं भोपाल में बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि वर्तमान में उत्तरी ओडिशा और उससे लगे झारखंड पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।