प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और अशरफ के मारे जाने के बाद इस गिरोह के अपराधियों में अपना अलग गैंग बनाकर जमीनों पर कब्जे और रंगदारी वसूलने की होड़-सी लगी है।

अतीक की हत्या के बाद रंगदारी मांगने के कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। धमकाने वाले भी अतीक के ही आदमी हैं। अतीक गैंग के अपराधियों की गिरोहबंदी पर पुलिस भी नजर बनाए हुए है। पिछले दो महीने में अतीक गिरोह के कई अपराधी रंगदारी के लिए धमकी देने के मुकदमे में नामजद हो चुके हैं।

तोता के खिलाफ रंगदारी मांगने का मुकदमा

पिछले दिनों सात जुलाई को चकिया कसारी मसारी के मोहम्मद परवेज ने 10 लाख रुपये रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए धूमनगंज थाने में केस दर्ज कराया था। इसमें अतीक के शूटर जुल्फिकार अली उर्फ तोता समेत फैजान और तीन सगे भाइयों आजम, अकरम, असलम को नामजद कराया गया।

आरोप है कि जेल में बंद तोता ने फैजान और अन्य को रंगदारी मांगने के लिए भेजा। पुलिस की जांच में यह बात आई कि अतीक अहमद के लिए रंगदारी मांगने वाला तोता अब खुद अपना गिरोह बनाकर यही काम करने लगा है।

माफिया का गिरोह हुआ बेलगाम

अतीक और अशरफ के मारे जाने के बाद गिरोह बेलगाम हो चुका है। इसके पहले चित्रकूट जेल में बंद फरहान ने भी धूमनगंज के प्रापर्टी डीलर मोहम्मद अशरफ सिद्दीकी को फोन पर धमकी देकर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी।

28 मई को मरियाडीह के आबिद ने अशरफ की जेल में फरहान से फोन पर बात कराई जिसने धमकी देते हुए पैसे मांगे। आरोप है कि आबिद ने भी धमकाया। इसके अलावा दो महीने पहले अतीक के गुर्गे असाद कालिया के खिलाफ भी धूमनगंज थाने में ही केस लिखा गया।

अतीक गिरोह के मुजफ्फर पर 1 करोड़ की रंगदारी मांगने का केस

उधर, पूरामुफ्ती थाने में अतीक गिरोह से जुड़े रहे हिस्ट्रीशीटर मुजफ्फर और उसके पांच भाइयों के खिलाफ एक करोड़ रुपये रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराया गया है। साफ है कि अतीक गिरोह के अपराधी अब अपनी मनमानी कर रहे हैं।

एसीपी धूमनगंज वरुण कुमार का कहना है कि मुकदमों में नामजद अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी हो रही है। अतीक गिरोह के सभी सदस्यों पर कानूनी शिकंजा कसा जा रहा है।