जयपुर नगर निगम (हेरिटेज) की महापौर मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया गया है। अब मुनेश पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी)उन्हे कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। मुनेश के पति सुशील गुर्जर और उनके दो दलालों को मकान का पट्टा बनाने के बदले दो लाख की नकद राशि रिश्वत में लेते हुए एसीबी ने शुक्रवार रात को गिरफ्तार किया था।

स्थानीय निकाय विभाग ने जारी किया आदेश

शनिवार रात करीब दो बजे मुनेश को निलंबित करने के आदेश स्थानीय निकाय विभाग ने जारी किए हैं। उधर, निलंबन के बाद मुनेश ने प्रदेश के खाद्ध एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मुनेश ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि खाचरियावास और मेरे मोबाइल फोन की काल डिटेल निकवा कर जांच होनी चाहिए। खाचरियावास के इशारे पर परिवादी ने मेरे खिलाफ एसीबी में शिकायत दी।

मुझे न्यायपालिका पर भरोसाः मुनेश

उन्होंने कहा कि एसीबी ने मेरे घर और बैंक से जो पैसे बरामद किए हैं, वे मेरे खुद के हैं। मैने पिछले दिनों दो प्लाट बेचे थे। यह उनके पैसे हैं। मुनेश ने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। मेरे खिलाफ षडयंत्र किया गया है। उन्होंने कहा कि काम करने के बदले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रिश्तेदार से पैसे मांगने को लेकर कुछ लोगों द्वारा मुझ पर लगाए जा रहे आरोप गलत हैं।वहीं खाचरियावास ने कहा,मैने मुनेश को महापौर बनाया । लेकिन उन्होंने मेरे साथ विश्वासघात किया है।

अवकाश के बावजूद खुला कार्यालय

शनिवार देर रात मुनेश को निलंबित करने के बाद आवश्यक सरकारी कार्यवाही के लिए रविवार को अवकाश के बावजूद स्थानीय निकाय विभाग का कार्यालय खुला। विभाग के निदेशक हृदेश कुमार शर्मा ने कहा कि एसीबी ने महापौर के पति और उनके दो दलालों को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उनके घर से 41 लाख से ज्यादा की नकदी भी बरामद हुई है।

नेश से पूछताछ करेगी एसीबी

एसीबी जल्द ही मुनेश से पूछताछ करेगी। मुनेश के पद पर बने रहने से जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने की पूरी संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए राजस्थान नगर पालिका अधिनियम,2009 की धारा 39(6) के अन्तर्गत आने वाली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मुनेश को महापौर और पार्षद के पद से निलंबित किया गया है।