गोरमी ।   भिंड जिले की मेहगांव तहसील के करकेपुरा गांव में खेत में मवेशियों को भगाने पहुंचे एक युवक को सांप ने डंस लिया। इसके बाद युवक ने लाठी मारकर सांप को मार दिया। सांप की मौत के बाद नागिन युवक के पीछे पड़ गई। इस वजह से युवक भागते हुए अपने घर पहुंचा। वहीं नागिन भी पीछा करते-करते घर तक पहुंच गई। युवक ने सांप के डंसने और नागिन के द्वारा पीछा करने की जानकारी परिवार के सदस्यों को दी। इसके बाद परिवार के सदस्यों ने नागिन को भी मार दिया। अानन-फानन में युवक को गोरमी अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने उसे ग्वालियर रेफर कर दिया, लेकिन ग्वालियर पहुंचने से पहले ही युवक की मौत हो गई। वर्ष 1976 में आई नागिन फिल्म की कहानी करकेपुरा गांव मे हुई घटना की याद दिलाती है। इस फिल्म में नाग की मौत के बाद नागिन बदला लेने के लिए नाग की हत्या करने वाले लोगों के पीछे पड़ जाती है। बता दें कि 28 वर्षीय नरेंद्र पुत्र गुलाब सिंह लोधी निवासी करके का पुरा सोमवार को घर से एक किमी दूर स्थित खेत में मवेशी भगाने के लिए गया था। युवक के हाथ में लाठी थी। खेत में बेसहारा मवेशी भगाते समय नरेंद्र के पैर में सांप ने डंस लिया। सांप के डंसने बाद युवक ने लाठी मारकर सांप को मार दिया। लेकिन सांप की मौत के बाद झाड़ियों में छिपी नागिन युवक के पीछे पड़ गई। युवक भागते हुए अपने घर पहुंचा। नरेंद्र ने सांप के डंसने और नागिन के पीछा करने की बात घर के सदस्यों को बताई। जब घर के सदस्यों ने बाहर जाकर देखा तो नागिन फन फैलाए हुए बैठी थी। इसके बाद नरेंद्र के भाई ने लाठी उठाकर नागिन को भी मार दिया। घर के सदस्य नरेंद्र को गोरमी अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे ग्वालियर रेफर कर दिया। अस्पताल से रेफर होने के बाद नरेंद्र के परिवार के सदस्यों ने किसी बाबा के यहां पहुंचकर झांड़फूंक भी कराई। इसके बाद भी जब आराम नहीं मिला तो परिवार के सदस्या ग्वालियर के लिए रवाना हुए, लेकिन ग्वालियर पहुंचने से पहले ही नरेंद्र ने दम तोड़ दिया। मृतक तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। मृतक के एक डेढ़ साल का बच्चा भी है।

झाड़फूंक में चली जाती है जान

सर्पदंश के अधिकांश मामलों में ग्रामीण डाक्टर की बजाए झाड़फूंक करने वाले के पास पहुंच जाते हैं। यदि सांप जहरीला नहीं हुआ तो व्यक्ति ठीक हो जाता है और लोगों को लगता है कि झाड़फूंक से उसकी तबीयत ठीक हो गई। वहीं सांप के जहरीला होने पर व्यक्ति की मौत हो जाती है। ऐसा ही कुछ करके पुरा में सर्पदंश के मामले में हुआ। बारिश के चलते इन दिनों जहरीले जीव-जंतू नजर आने लगे हैं। कभी-कभी उनका इंसानों से सामना जानलेवा तक हो जाता है। ऐसे में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।

सर्पदंश के मामले में ये करें

सांप या अन्य कोई जहरीला जीव काट ले तो सबसे पहले घाव को अच्छे से धो लें। सांप के काटने वाले स्थान के ऊपर प्रेशर बैंड का इस्तेमाल करें और लकड़ी के सहारे कपड़ा बांध कर खून को शरीर में फैलने से रोकें। घाव पर ड्रेसिंग न करें और दंश का शिकार व्यक्ति को तुरंत नजदीकी अस्पताल में ले जाएं, जहरीला सांप जब भी डंसता है तो उस स्थान पर दांत के चार निशान दिखेंगे। बिना जहर वाला सांप जब भी डंसता है तो उस स्थान पर केवल दांत के दो निशान दिखाई देंगे। जहरीले सांप के ऊपरी जबड़े में दांत होते हैं। यह दो बड़े दांत विषग्रंथी से जुड़े होते हैं। जब सांप डंसता है तो इनके माध्यम से वह जहर व्यक्ति के शरीर में अंदर छोड़ता है, घरों के आस-पास की जंगली घास समय-समय पर कटवाते रहें। घर और दुकानों में रखे कबाड़ को इकट्ठा न होने दें। छोटे-छोटे गड्ढ़ों और दरारों को बंद करें। खेत और पर्यटन स्थलों पर जाते समय सावधान रहें। घर की नालियों के मुहाने पर जाली लगाएं।