महामारी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। इस दौरान वित्त मंत्री के सामने कोरोना से उपजी कुछ बड़ी चुनौतियां है जिन पर इस बजट मे सबसे ज्यादा फोकस रहने की उम्मीद है। ऐसी संभावना है कि इस बजट में कोविड-19 संकट से उबर रही भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करना, बेरोजगारी घटाना, किसानों और छोटे कारोबारियों की आय बढ़ाना समेत कई बिदुओं पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित होगा।

महामारी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। ऐसी उम्मीद है कि इस बार का बजट कोरोना से उबर रही अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाला होगा। इस दौरान वित्त मंत्री के सामने कोरोना से उपजी कुछ बड़ी चुनौतियां है जिन पर इस बजट मे सबसे ज्यादा फोकस रहने की उम्मीद है। ऐसी संभावना है कि इस बजट में कोविड-19 संकट से उबर रही भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करना, बेरोजगारी घटाना, किसानों और छोटे कारोबारियों की आय बढ़ाना समेत कई बिदुओं पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित होगा।

बेरोजगारी घटाकर रोजगार बढ़ाना
कोरोना महामारी के बाद से देश में बेरोजगारी की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। आर्थिक मंदी ने पिछले छह वर्षों में से पांच में बेरोजगारी दर को वैश्विक आंकड़े से ऊपर धकेल दिया है। हालांकि, हाल के दिनों में सुधार आया है लेकिन अभी भी यह औसत से काफी अधिक है। सीएमआईई के आंकड़ों को देखें तो भारत में बेरोजगारी दर फिलहाल, 6.9 फीसदी पर है। शहरी बेरोजगारी दर 8.4 फीसदी और ग्रीमीण बेरोजगारी दर 6.2 फीसदी है। देश की इस सबसे बड़ी समस्या से उबरने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट में बेरोजगारी कम करने के उपायों पर जोर देना होगा। इसके लिए मनरेगा पर बजट आवंटन बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा ग्रामीण मनरेगा के तर्ज पर शहरी बेरोजगारों के लिए शहरी मनरेगा शुरू करने का एलान भी किया जा सकता है जो एक सराहनीय कदम होगा। इससे बेरोजगारी दर घटाने और रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी।