पहले दिन ईंटखेड़ी इज्तिमा स्थल पर हजारों जमातों ने दी आमद, चलता रहा आने का सिलसिला
भोपाल । हर तरफ अकीदत, हर ओर जिक्र ए इलाही, भलाई की बातें, बुराई से बचने की ताकीद...। आलमी तबलीगी इज्तिमा का पहला दिन जमातियों के लिए नमाज ए जुमा की बड़ी मजलिस से विशेष रहा। लाखों लोगों की शिरकत वाली नमाज ने उन्हें धन्य तो किया ही, साथ ही दिल्ली मरकज से आए उलेमाओं की दुआ ए खास ने भी इस मौके को अहम बना दिया। पहले दिन दिन भर चले तकरीर और बयान के दौर के बीच बड़ी तादाद में निकाह भी हुए। आगामी दो दिनों में सरकारी छुट्टियों और इसके बाद सोमवार को होने वाली दुआ ए खास के लिए लोगों की आमद का सिलसिला पूरे दिन चलता रहा। आलमी तबलीगी इज्तिमा की शुरुआत अल सुबह फजिर की नमाज़ के साथ हुई। उत्तर प्रदेश से आए मौलाना जमशेद साहब ने अपने बयान में अल्लाह पर मजबूत भरोसा रखने की ताकीद की। उन्होंने समझाया कि अल्लाह के सिवा किसी और से सवाल करने वाले के लिए अल्लाह मोहताजी का दरवाजा खोल देते हैं।
नमाज में जुटे हजारों लोग, देश-दुनिया में शांति की दुआ
दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई जुमा की नमाज में शिरकत के लिए लोगों के पहुंचने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था। इज्तिमागाह पर बनाए गए करीब 125 पंडाल में करीब पांच लोगों के ठहरने का इंतजाम है। नमाज ए जुमा के लिए कमोबेश ये सभी पंडाल नमाजियों से पुर हो गए। नमाज के बाद दिल्ली मरकज से आए हजरत मौलाना यूसुफ साहब कांधलवी ने दुआ कराई। इसमें शामिल होना लोगों ने खुद के लिए बड़े फैज करार दिया। इतने बड़े मजमे में जब खुतबा शुरू हुआ तो हर तरफ पिन ड्रॉप साइलेंट हो गया और वातावरण में हर तरफ सिर्फ मौलाना की आवाज ही तैर रही थी। जुमा की नमाज के बाद अपने बयान में मौलाना यूसुफ साहब ने कहा कि बंदा जैसी नीयत करता है, अल्लाह उसी तरह के हालात बना देते हैं। उन्होंने लोगों से भलाई करने, सबके लिए अच्छा किरदार रखने और हर काम अल्लाह की रजा के लिए करने की बात बताईं।
पहले दिन कई निकाह भी हुए
इज्तिमा इतिहास के 77 साल में पहली बार सामूहिक निकाह आयोजन के पहले दिन किए गए। अब तक ये आयोजन इज्तिमा के दूसरे दिन हुआ करता था। जिसे बयान की तरतीब के लिहाज से पहले दिन शिफ्ट कर दिया गया है। इस बार इज्तिमागाह पर करीब 350 निकाह पढ़ाए गए हैं। दिल्ली मरकज से आए हजरत मौलाना मोहम्मद सआद साहब कंधालवी ने निकाह पढ़ाने के बाद इन जोड़ों की कामयाब जिंदगी की दुआ कराई। उन्होंने नए दूल्हा को अपनी बीवी के प्रति दायित्व और मां बाप के साथ बाकी रिश्तेदारों के लिए कर्तव्य भी समझाए। गौरतलब है इज्तिमा के दौरान निकाह की प्रक्रिया में दूल्हा अपने रिश्तेदारों के साथ पहुंचता है। जबकि दुल्हन की तरफ से उसका कुबूलनामा उसके परिजन लेकर आते हैं। बिना खर्चीली और आसान शादी की अवधारणा को आगे बढ़ाने के लिए ये आयोजन किया जाता है। मसाजिद कमेटी द्वारा इसके लिए रजिस्ट्रेशन करता है। साथ ही ऐसे निकाह के लिए रजिस्ट्रेशन फीस में रियायत भी देता है।
सआद साहब को सुनने पहुंचे बड़ी संख्या में लोग
दिल्ली मरकज के हजरत मौलाना मोहम्मद सआद साहब कांधालवी के बयान लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। नमाज के बाद शुरू होने वाले बयान का सिलसिला देर रात तक चलता है। इज्तिमागाह पर नमाज ए ईशा का वक्त भी हजरत के बयान पूरा होने के बाद ही रखा जाता है। शुक्रवार सुबह भोपाल पहुंचे मौलाना सआद साहब को सुरक्षा की दृष्टि से बड़ा पुलिस संरक्षण भी मुहैया कराई। मौलाना ने शुक्रवार शाम को अपने बयान में कहा कि हर चीज, हर बात, हर वाक्या, हर काम, हर हरकत पर अल्लाह की मर्जी ही होती है। उसकी मर्जी के बिना कुछ भी नहीं होता। इसलिए इंसान को हर हालात को अल्लाह की मर्जी मानकर कुबूल करना चाहिए। शुक्रवार को सुबह फजिर में मौलाना जमशेद साहब और जुमा बाद मौलाना यूसुफ साहब कांधाल्वी ने बयान किया। इस दौरान अल्लाह की रस्सी को मजबूती से थामे रखने, सबके लिए अच्छे अखलाक रखने, अपने मुल्क के लिए वफादार रहने की बातें बताईं।
इज्तिमागाह पर नमाज का समय
फजर सुबह 6.10 बजे
जोहर दोपहर 2.15 बजे
असीर शाम 4.30 बजे
इज्तिमा स्थल व आसपास का नजारा
-भोपाल के रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर जमातियों के लिए स्वागत शिविर लगाए गए हैं। यहां से इज्तिमागाह तक जमातों को पहुंचाने के लिए वाहनों की निश्शुल्क सेवा भी उपलब्ध है।
-भोपाल टाकीज चौराहा, काजी कैंप, डीआइजी बंगला, करोंद पर भी शिविर लगाए गए हैं। जमातियों के लिए फ्री चाय और सर्दी से बचने के लिए अलाव जलाए गए हैं।
-सिंधी कालोनी से इज्तिमागाह तक ट्रैफिक व्यवस्था सेवादार ट्रैफिक पुलिस इनको सहयोग दे रहे हैं।
-इज्तिमागाह में पहले ही दिन पहुंचे बड़ी तादाद में लोगों की वजह से यहां मोबाइल नेटवर्क प्रभावित रह।
-मोबाइल चार्ज करने के लिए नगर निगम फायर ब्रिगेड के शिविर पर एक बड़ा चार्जिंग बोर्ड लगाया गया है।
-बड़ी तादाद में मौजूद पुलिस इज्तिमागाह के बाहर से ही नजर रख रही है, अंदर की तरफ इनकी आवाजाही नहीं है
-इज्तिमागाह के अंदर के एरिया में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी प्रतिबंधित रखी गई है।
-इज्तिमागाह पर मौजूद लोग हर वक्त अल्लाह का जिक्र, नमाज, इबादत में जुटे हैं।
-करोंद चौराहा से लेकर इज्तिमागाह तक कई अस्थाई दुकानें खुल गई हैं, जिनपर खानपान की वस्तुएं, गर्म कपड़े, क्राकरी, कंबल आदि बिक रहे हैं।