भोपाल । शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक ली। उन्होंने सभी कुलपतियों को आदेश दिया कि वह 30 जून तक सभी परीक्षाओं की परीक्षा कराकर रिजल्ट घोषित करें। इस बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने विभिन्न समस्याओं की ओर राज्यपाल का ध्यान आकर्षित कराया। 
विश्वविद्यालयों के कुलपति का कहना था, कि विश्वविद्यालय आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। विश्वविद्यालय में बहुत सारे पद खाली पड़े हुए हैं। वेतन देने के लिए विश्वविद्यालयों के पास राशि नहीं है। नई भर्ती करनी होगी,तो विश्वविद्यालयों को और भी बजट चाहिए। खराब वित्तीय स्थिति होने के कारण विश्वविद्यालय के शिक्षण एवं परीक्षा इत्यादि के कार्यों में इसका असर पड़ रहा है। विश्वविद्यालय की आय से स्टाफ का वेतन और अन्य खर्च भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं। 
सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत जो कोर्स संचालित हो रहे हैं। उसमें भी सरकार को 20 फ़ीसदी राशि विश्वविद्यालयों को देना होती है। विश्वविद्यालयों की पेंशन भुगतान की मंजूरी की बात भी कुलपतियों ने बताई। 
वित्तीय स्थिति को लेकर राज्यपाल ने बहुत ज्यादा कोई आश्वासन नहीं दिया। लेकिन उन्होंने विश्वविद्यालयों से कहा कि वह जो कोर्स चला रहे हैं। उनका पुनः परीक्षण करें। जिन कोर्स में 5 से कम छात्र हैं। उन्हें बंद करके अपने खर्च को घटाएं। राज्यपाल महोदय ने सेल्फ फाइनेंस मोड पर कोर्स संचालित करने के निर्देश विश्वविद्यालयों के कुलपति को दिए। 


विश्वविद्यालयों की वित्तीय स्थिति खराब 
मध्य प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में पढ़ाने वाले व्याख्याताओं की भारी कमी है। विश्वविद्यालय आर्थिक तंगी के कारण पदों को भी नहीं भर रहे हैं। सरकार ने भी वित्तीय स्थिति को देखते हुए स्वीकृत पदों पर भर्ती करने की अनुमति नहीं दी है। जिसके कारण मध्यप्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था एक तरह से चरमरा गई है।