हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रतिवर्ष करवा चौथ का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। ज्योतिष जानकारों के मुताबिक शादी शुदा महिलाओं के साथ साथ कुंवारी लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रख सकती है।

कुंवारी लड़कियां अपने प्रेमी या मंगेतर जिसे अपना जीवनसाथी मान चुकी है, उनके लिए व्रत रख सकती है। किंतु कुंवारी लड़कियों के लिए करवा चौथ के व्रत का नियम अलग है। ऐसे में अगर आपकी भी शादी नहीं हुई है और करवा चौथ का व्रत रखने जा रही है तो यह नियम जरूर जान लें।

प्राचीन मान्यता के मुताबिक, कुंवारी लड़कियां करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत करने के बजाय फलहार व्रत रख सकती है। विवाहित महिलाएं करवा चौथ व्रत में भगवान शिव पार्वती, चंद्रमा, गणेश और कार्तिकेय जी की पूजन करती है। किंतु अगर कुंवारी लड़कियां इस व्रत को रख रही है तो उन्हें सिर्फ शिव जी और मां पार्वती की पूजा करनी चाहिए और माता करवा की कथा सुननी चाहिए।

आपको बता दें कि करवा चौथ व्रत में सुहागिन महिलाएं रात में छलनी का इस्तेमाल करके चांद को अर्घ्य देती है। किंतु वहीं कुंवारी कन्याएं इस व्रत में बिना छलनी का इस्तेमाल किए ही चंद्रमा का पूजन कर सकती है और व्रत तोड़ सकती हैं।