भोपाल-जबलपुर और भोपाल-इंदौर वंदे भारत को नहीं मिल रहे पर्याप्त यात्री
अब रेलवे बोर्ड ने बीते 30 दिन की समीक्षा कर किराया कम करने को कहा


भोपाल । हाल ही भोपाल से शुरू हुईं दो वंदे भारत नई ट्रेनों को पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे हैं। इसमें वंदे भारत का ज्यादा किराया बड़ी वजह मानी जा रही है। इसलिए रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार जबलपुर से भोपाल के रानी कमलापति (आरकेएमपी) रेलवे स्टेशन तक और इंदौर से भोपाल रेलवे स्टेशन तक चलने वाली वंदे भारत ट्रेन का किराया कम होना तय है। रेलवे बोर्ड ने पिछले 30 दिनों में ऑक्यूपेंसी स्तर यानी यात्रियों की संख्या को देखकर विभिन्न वातानुकूलित ट्रेनों की ऐसी चेयर कार और एक्जीक्यूटिव श्रेणी में किराया छूट योजना शुरू की है। इसमें मूल किराए में अधिकतम 25 प्रतिशत तक छूट दी जाएगी। नया किराया तय करने का जिम्मा रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे को सौंप दिया है। हालांकि, भोपाल से होकर चलने वाली इन दोनों वंदे भारत में ट्रेन का किराया कब से कम होगा। इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

जुलाई माह के अंत तक ही कम होगा किराया
दरअसल, रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों के पिछले 30 दिनों के दौरान 50 प्रतिशत से कम भरी सीटों ऑक्यूपेंसी लेवल को ध्यान में रखकर तय करने को कहा है। ये दोनों वंदे भारत ट्रेन उद्घाटन के बाद 28 जून से प्रारंभ हुई हैं। ऐसे में इन ट्रेनों को अभी 11 दिन ही हुए हैं। ऐसे में रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि जुलाई माह के अंत तक ही किराए को लेकर कोई निर्णय होगा। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि यह निर्णय मुख्यालय को लेना है। अभी इस पर विचार किया जाएगा।

जबलपुर से आने वाले यात्री ज्यादा
जबलपुर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन आने वाली वंदे भारत ट्रेन में 28 जून से 6 जुलाई तक 8 दिन में चार दिन बर्थ ऑक्यूपेंसी लेवल यानी यात्री संख्या 50 प्रतिशत से अधिक रही। जबकि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से जबलपुर जाने वाली ट्रेन में सिर्फ एक दिन बर्थ ऑक्यूपेंसी 50 प्रतिशत से अधिक रही। इससे साफ है कि दोनों तरफ से ट्रेन लगभग आधी खाली चल रही है। बता दें, दोनों शहरों के बीच जबलपुर से आने पर ऐसी चेयर कार का किराया 955 और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 1790 रुपये है। वहीं, भोपाल से जाने पर एसी चेयर कार का किराया 1055 रुपये और एग्जीक्यूटिव चेयर का कार का किराया 1880 रुपये है।

 मुख्यालय को भेजी किराए की तुलनात्मक रिपोर्ट
भोपाल और जबलपुर मंडल की तरफ से वंदे भारत ट्रेन में बर्थ ऑक्यूपेंसी कम होने पर किराए को लेकर मुख्यालय ने रिपोर्ट मांगी थी। अधिकारियों ने ओवरनाइट वॉल्वो बस की स्लीपर सीट का किराया, सडक़ मार्ग से टैक्सी से लगने आने वाला किराया और रेलवे की दूसरी एसी कोच की गाडिय़ों के किराए की तुलनात्मक रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेजी है। इसमें भोपाल से जबलपुर तक बस की वॉल्वो बस की स्लीपर बर्थ का किराया एक हजार रुपये और दोनों ही शहर के लिए आने-जाने में टैक्सी का खर्चा करीब 6500 रुपये समेत रेल के एसी कोच के किराए की तुलनात्मक रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेजी है। इस रिपोर्ट के आधार पर जबलपुर जोनल मुख्यालय को अब वंदे भारत ट्रेन के किराए को लेकर निर्णय लेना है।


जनप्रतिनिधि बोले- रीवा तक चलाएं
वहीं, जबलपुर रेलवे जोन को जनप्रतिनिधियों की तरफ से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को रीवा तक चलाने का प्रस्ताव मिला है। अब रेलवे इन प्रस्तावों को बोर्ड को भेजने की तैयारी कर रहा है। जनप्रतिधिनियों ने जबलपुर-आरकेएमपी वंदे भारत के रूट को बढ़ाने पर यात्रियों की संख्या बढऩे की बात कही है।

 आरकेएमपी से जबलपुर जाने वाली वंदे भारत में सीट ऑक्यूपेंसी प्रतिशत  
28 जून- 38.30 प्रतिशत
29 जून- 49.43 प्रतिशत
30 जून- 60.00 प्रतिशत
1 जुलाई- 40.94 प्रतिशत
2 जुलाई- 45.28 प्रतिशत
3 जुलाई-37.55 प्रतिशत
5 जुलाई-39.25 प्रतिशत
6 जुलाई- 34.72 प्रतिशत

जबलपुर से आरकेएमपी आने वाली वंदे भारत में सीट ऑक्यूपेंसी प्रतिशत  
28 जून- 40.38 प्रतिशत
29 जून- 67.17 प्रतिशत
30 जून- 50.19 प्रतिशत
1 जुलाई- 39.25 प्रतिशत
2 जुलाई- 57.36 प्रतिशत
3 जुलाई-56.42 प्रतिशत
5 जुलाई-41.13 प्रतिशत
6 जुलाई- 37.17 प्रतिशत