नई दिल्ली । हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार बंद होने के बाद विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी सरगर्मियां मंद पड़ गई हैं। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 सीटों के लिए एक ही चरण में 12 नवंबर को मतदान होना है। राज्य में गुरुवार शाम चुनाव प्रचार अभियान बंद हो गया है। मतदान के पहले अब विभिन्न दलों के प्रत्याशी डोर टू डोर प्रचार करने में जुट गए हैं। हिमाचल प्रदेश में 55 लाख से कुछ अधिक मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें 27 लाख 80 हजार पुरुष और 27 लाख 27 हजार महिलाएं हैं। राज्य में सरकारी कर्मचारी मतदाताओं की संख्या 67 हजार 532 है, वहीं 80 साल से ज्यादा उम्र के 1.22 लाख मतदाता हैं। इस पहाड़ी राज्य में 1184 मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है। 
वहीं, दूसरी ओर, गुजरात में विधानसभा की 182 सीटों के लिए 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा। पहले चरण में 89 और दूसरे चरण में 93 सीटों के लिए मतदान किया जाएगा। दोनों राज्यों के चुनावी नतीजे 8 दिसंबर को घोषित होंगे। भाजपा ने 160 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी ​है, जिसमें 2017 में चुनाव लड़ने वाले आधे लोगों को इस बार पार्टी ने दोबारा मौका नहीं किया है। 
राज्य की सत्ता में लंबे से मुख्य भूमिका निभाने वाले भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने सक्रिय राजनीति से संन्यास का फैसला किया है, जिनमें डिप्टी सीएम नितिन पटेल और पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के नाम प्रमुख हैं। रूपाणी सरकार में मंत्री रहे 8 अन्य नेताओं प्रदीप सिंह जाडेजा, भूपेंद्र सिंह चुडासमा, सौरभ पटेल, विभावरी दवे, बल्लभ काकड़िया, कौशिक पटेल, योगेश पटेल और आरसी फलदू ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है।