नई दिल्ली । मॉनसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाथ जोड़ लिए। दरअसल, सभापति धनखड़ को पद पर शुक्रवार को एक साल हुए हैं। सदन के नेता ने बधाई दी तब खरगे ने कहा कि कहते तब हम सभी मिलकर दो शब्द कह सकते थे लेकिन ये लोग बगैर बात किए वन-वे काम करते हैं। इसके बाद खरगे ने हाथ जोड़कर कहा, आपसे विनती है जल्दी माइक बंद मत करो साहब। यह देख सभापति भी हंस पड़े और उन्होंने हाथ जोड़ लिए।
इसके बाद खरगे ने लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को सस्पेंड करने मुद्दा राज्यसभा में उठाया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि शुक्रवार को अंतिम दिन है, और इतने लोगों को सदन से सस्पेंड किया गया और प्रिविलेज कमेटी को रेफर किया गया। 6 लोगों को किया गया। वहां पर अधीर रंजन चौधरी जो विपक्ष के नेता हैं, उन्हें भी सस्पेंड किया गया।
जैसे ही कांग्रेस नेता खरगे ने अधीर को सस्पेंड किए जाने का मुद्दा उठाया, तब सत्तापक्ष के सदस्य आपत्ति जताने लगे। खरगे ने कहा कि अरे, संविधान में दोनों हाउस है। एक हाउस नहीं है। सभापति ने सत्तापक्ष के सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की। इसके बाद धनखड़ ने सदस्यों से आग्रह कर कहा कि प्लीज विपक्ष के नेता को ध्यान से सुनिए। एक बढ़िया उदाहरण सेट कीजिए। सभापति ने हल्के मूड में खरगे से कहा कि सर, मुझे गाइड कीजिए जिससे सब कामकाज ठीक से चले।
सभापति ने कहा कि सर, ये दूसरे सदन का मामला है। खरग ने जवाब दिया कि सर, मैं भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति से अपील कर रहा हूं। आपको लोकतंत्र का संरक्षण करना है। सस्पेंड नहीं करना चाहिए क्योंकि वह कई कमेटी में हैं। यह अच्छी बात नहीं है।