धर्मशाला ।  देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांगड़ा जिले के चंबी मैदान में एक चुनावी जनसबआ को संबोधित किया। उन्होंने हिमाचल के लोगों से राज्य में भाजपा की सरकार दोहराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार बदलना लोगों के हित में नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि जब कोई सरकार दोहराई जाती है, तो वह और अधिक जवाबदेही के साथ काम करती है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का आधार अब भी ‘परिवारवाद’ है। 
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस को सत्ता में वापस न आने दें, क्योंकि उनका मानना ​​है कि लोग हर पांच साल में सरकार बदलते हैं और उन्हें लोगों के लिए काम नहीं करना पड़ता है।
उन्होंने कहा डबल इंजन सरकार ने हिमाचल के विकास में मदद की है। केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना शुरू की, जो लोगों को 5 लाख रुपए तक मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल देती है, जबकि हिमाचल में राज्य सरकार ने हिमकेयर योजना शुरू की है, जो राज्य के लोगों को समान लाभ देती है। केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना शुरू की, जबकि राज्य सरकार ने गृहिणी सुविधा योजना शुरू की। पीएम मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस राज्य में सत्ता में आती है तो वह मुझे काम नहीं करने देगी। 
उल्लेखनीय है कि 2014 से 2017 के बीच हिमाचल में पीएम आवास योजना के तहत सिर्फ 15 घरों का निर्माण किया गया। हालांकि, पिछले 5 वर्षों में जय राम ठाकुर सरकार के कार्यकाल में इस योजना के तहत 8000 घरों का निर्माण किया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी के लिए पेंशन योजनाएं शुरू की हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आयु 80 से घटाकर 60 वर्ष कर दी है।  
केंद्र सरकार किसानों को 6000 रुपये प्रति वर्ष की पीएम सम्मान निधि दे रही, राज्य सरकार ने इसमें 3000 रुपये प्रति वर्ष जोड़ने का वादा किया है। केंद्र सरकार ने युवाओं को 10 लाख रोजगार देने का अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद हिमाचल में और रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे। पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश में विरासत और मंदिर पर्यटन को बढ़ावा देने का भी वादा किया। 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल में मंदिर पर्यटन नहीं बढ़ाया, क्योंकि वह हमारी मान्यताओं और परंपराओं में विश्वास नहीं करती थी। पीएम मोदी ने कहा कि कांगड़ा में उनका स्वागत करने वाली भारी भीड़ से वह अभिभूत हैं। इससे पहले पीएम ने कांगड़ी बोली में अपने भाषण की शुरुआत की और साथ ही कांगड़ा के देवी-देवताओं को याद किया।