विदिशा ।   ओंकारेश्वर में रहने वाले संत हरिदास त्यागी द्वारा जिले की लटेरी तहसील के गांव धरगा में बीच बस्ती की जमीन के नीचे हनुमान जी की मूर्ति दबी होने के दावा करने के बाद बुधवार को सुबह के समय ग्रामीणों की भीड़ खोदाई में जुट गई। यह जमीन वन विकास निगम की होने की आशंका के चलते जिला प्रशासन ने करीब एक घंटे तक खोदाई रुकवा दी। जांच के बाद यह जमीन गांव के ही एक किसान की निकली। इसके बाद ग्रामीणों ने फिर खोदाई शुरू की, जिसमें से करीब ढाई फीट ऊंची पाषाण से बनी हनुमान जी की मूर्ति निकली है। ग्रामीणों के मुताबिक दो दिन पहले धरगा गांव में ओंकारेश्वर के संत हरिदास त्यागी महाराज आए है। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि गांव के बीच खाली जमीन में सिद्ध स्थान है और यहां जमीन के नीचे हनुमान जी की मूर्ति दबी है। इसके बाद मंगलवार शाम को ग्रामीणों की बैठक हुई और सुबह आठ बजे से खाली पड़ी जमीन की खोदाई शुरू कर दी।

ग्रामीणों की अधिकारियों से हुई बहस

करीब घंटे भर बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल, वन और राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने खोदाई रुकवा दी। इस दौरान कुछ ग्रामीणों की अधिकारियों से काफी बहस भी हुई। नाराज ग्रामीणों ने खाली पड़ी जमीन पर भजन कीर्तन शुरू कर दिया। खोदाई की जगह पर पूजन शुरू हो गया। करीब एक घंटे बाद राजस्व विभाग की टीम ने दस्तावेजों के आधार पर यह जमीन गांव के ही किसान दुर्ग सिंह की पाई।

कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बताया कि यह जमीन वन विकास निगम की जमीन से लगी हुई है, इसलिए खोदाई रुकवाई थी। जब जमीन निजी निकली तो सीमांकन कर यह जमीन किसान को सौंप दी। प्रशासन की जांच पूर्ण होने के बाद ग्रामीणों ने फिर खोदाई शुरू कर दी। करीब चार फीट की खोदाई के बाद जमीन से हनुमान जी की मूर्ति निकली है। मूर्ति निकलते ही इस क्षेत्र में पूजा पाठ का दौर शुरू हो गया है।

अब मंदिर बनाने की चर्चा

इधर, त्यागी महाराज ने बताया कि वे छह माह पहले गांव आए थे। तब वे खाली पड़ी जमीन पर विश्राम करने गए थे। इसी दौरान उन्हें सपना आया था कि जमीन के नीचे हनुमान जी की मूर्ति दबी है। इसी के बाद कुछ लोगों को यह जानकारी देकर वापस ओंकारेश्वर चले गए थे। जब उन्हें पता चला कि मूर्ति अब तक नहीं निकाली गई तो वे दोबारा गांव पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से जमीन की खोदाई कर हनुमान जी की मूर्ति निकाली गई। अब यहां मंदिर निर्माण की बात कही जा रही है।