कुछ राशियों के लिए माणिक्य का उपयोग शुभ माना जाता है, रत्नों के विषय में जब बात होती है तो माणिक्य का रत्न का स्थान विशेष रहता है. माणिक्य रत्न का संबंध सूर्य देव से माना गया है.ज्योतिष शास्त्र में रत्न शास्त्र का अलग से विशेष पक्ष है.

यह रत्न ग्रहों के प्रभाव को दूर करने में खास भूमिका निभाते देखे जा सकते हैं. रत्न विज्ञान में मुख्य रत्नों के अलावा उपरत्नों के बारे में लेख प्राप्त होते है,

रत्नों के मध्य में माणिक्य रत्न के बारे में बहुत सी बातें हैं जो इसे विशेष बनाती हैं. इस रत्न का संबंध सूर्य देव से है. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उनकी कुंडली में बाकी ग्रह अच्छे होते हुए भी क्चुह अधिक लाभ नहीं दे पाते हैं. इसलिए ज्योतिष अनुसार सूर्य को प्रभावी बनाने के लिए माणिक्य रत्न पहनने की सलाह देते हुए देखी जा सकती है.

आईये जानें सूर्य के रत्न माणिक्य को धारण करने के क्या लाभ है और इसे धारण करने के क्या नियम होते हैं

किन राशियों के लिए लाभदायक
कुछ राशि के लोगों को माणिक्य धारण करना बहुत ही शुभ माना गया है. मेष, सिंह और धनु लग्न के लोग माणिक्य रत्न धारण कर सकते हैं. इन लोगों की राशियों के लिए सूर्य की स्थिति विशेष मायने रखने वाली होती है इस कारन से इनके लिए यह रत्न काफी अच्छे फलों को देने वाला भी माना गया है. माणियक को धारन करने के लिए कुंडली में इसकी स्थिति को समझना होत है. व्यक्ति की कुंडली के एकादश भाव, दशम भाव, नवम भाव, पंचम भाव, एकादश भाव में सूर्य का होना माणिक्य रत्न को उपयोग करने के लिए अनुकूल माना जाता है.

रत्न के लाभ-पहनने के फायदे
माणिक्य स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना गया है. अगर दिल के रोग हों या हड्डी, नेत्र रोग, ज्वर अधिक हो तो भी वह माणिक धारण कर सकता है. इसके अलाव ऐस रत्न से जुड़े कुछ नियम हैं.
यदि जन्म कुंडली में सूर्य शुभ स्थानों का स्वामी नहीं है तो माणिक्य नहीं पहनना चाहिए. माणिक के साथ नीलम और गोमेद पहनने से बचने की सलाह ही अधिक दी जाती है.

भारतीय ज्योतिष के अनुसार माणिक्य धारण कर सूर्य देव की पूजा करने से लाभ मिलता है. माणिक्य धारण करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है. माणिक्य धारण करने से सूर्य प्रभावित रोगों से मुक्ति मिलती है. प्रशासनिक क्षेत्र और राजनीति से जुड़ने और सफलता के मौके मिलते हैं.