सनातन धर्म में एकादशी की तिथि को बेहद ही पवित्र और पूजनीय माना गया हैं जो कि जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित होती हैं। एकादशी का पावन व्रत हर माह के दोनों पक्षों में किया जाता हैं ऐसे में वर्षभर में कुल 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा और व्रत करने से साधक के जीवन के दुख दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि में वृद्धि होती हैं।

अभी भाद्रपद मास चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता हैं जो कि इस बार 10 सितंबर दिन रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा एकादशी की पूजा की विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

अजा एकादशी की पूजा विधि-
अजा एकादशी का व्रत कर रहे जातक को इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर घर की अच्छी तरह से साफ सफाई करनी चाहिए। इसके बाद सभी कार्यों से निवृत्त होकर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण कर। भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करें अब पूजन स्थल पर भगवान विष्णु की पूजा करें।

सबसे पहले एक चौकी पर लक्ष्मी नारायण की प्रतिमा स्थापित करें इसके बाद पीले रंग के फल, पुष्प, धूप और दीपक से भगवान की विधिवत पूजा करें। अजा एकादशी की पूजा में व्रत कथा का पाठ जरूर करें अब विष्णु मंत्र का जाप करें। इसके बाद पूजा के अंत में भगवान की आरती कर भूल चूक के लिए क्षमा मांगे और अपनी प्रार्थना कहें। मान्यता है कि इस विधि से पूजा पाठ करने से जीवन में खुशहाली आती हैं।