राजस्थान के जोधपुर का माचिया सफारी पार्क इस दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। यहां लंबे समय के अंतराल के बाद ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय पक्षी एमू की फैमिली बढ़ने लगी है। एमू के एक जोड़े ने 6 अंडे दिए हैं, जिनमें से तीन बच्चे निकल चुके हैं। जबकि बाकी 3 अंडों से भी जल्द बच्चे निकलने की उम्मीद है। इन अंडों व बच्चों को माचिया बायोलॉजिकल पार्क में सुरक्षित क्षेत्र में रखा गया है।

जोधपुर माचिया बायोलॉजिकल पार्क के डीएफओ विजय बोराणा ने बताया कि एमू पक्षी ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, फिलिफिन्स जैसे देशों में मुख्यतः पाया जाता है। राजस्थान के इन्वायरमेंट लगभग ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों जैसा ही है इसके चलते एमू को ज्यादा परेशानी नहीं होती है। ये काफी पुराना पक्षी है। एक लंबे समय के अंतराल के बाद एमू पक्षी की फैमिली बढ़ने लगी है। अभी पक्षी के एक जोड़े ने अंडे दिए हैं, जबकि एमू के दो अन्य जोड़े भी ब्रीडिंग के लिए तैयार हैं। 

एमू पक्षी आकार में बड़ा होता है। इस पक्षी की ऊंचाई लगभग 6 फीट 5 इंच होती है। शुतुरमुर्ग के बाद यह विश्व का सबसे बड़ा पक्षी माना जाता है। इस पक्षी का वजन 59 किलोग्राम के आसपास होता है, जिस वजह से ये उड़ नहीं पाता, लेकिन ये काफी फुर्तीला होता है। मादा एमू, नर से आकार में बड़ी होती है। एमू पक्षी का औसत जीवनकाल 30 से 35 वर्ष का होता है। एमू पक्षी की टांगे मजबूत होती है जिससे यह तेज दौड़ने में माहिर है। यह 48 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है। एमू पक्षी तेज दौड़ने के साथ ही अच्छा तैराक भी होता है। यह खाने की तलाश में नदी को भी तैरकर पार कर सकता है।

एमू पक्षी हरे रंग के अंडे देते हैं जो आकार में काफी बड़े होते हैं। जमीन पर घोंसला बनाने के कारण इन्हें आसानी से देखा जा सकता है। एमू पक्षी करीब 8 से 10 अंडा देती है।  इन अंडों को सेहने का काम मादा पक्षी के बजाय नर पक्षी करता है। करीब 8 हफ़्तों तक अंडों को सेहने के बाद उनमें से बच्चे निकलते हैं। इस दौरान नर खाना नहीं खाकर शरीर में मौजूद वसा को पचाता है। एमू पक्षी कई दिनों तक बिना खाये पिये रह सकते हैं।