जयपुर । राजस्थान सहित पूरे देश में जहां मंहगाई चरम पर है। वहीं लगातार चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने राज्य में बनाई अपनी आवासीय स्कीम और खाली पड़ी जमीनों की रिजर्व प्राइज में बढ़ोत्तरी की है। करीब 3 साल बाद बोर्ड ने इन जमीनों की कीमतों में 8.51 से लेकर 66 फीसदी तक बढ़ा दी हैं। इसमें सबसे ज्यादा कीमत जयपुर के मानसरोवर योजना में बढ़ाई गई है। बोर्ड के इस निर्णय से न केवल बोर्ड की योजनाओं में भविष्य में मकान खरीदना महंगा होगा, बल्कि पुराने मकानों की रजिस्ट्री करवाने में भी ज्यादा पैसा देना होगा। बता दें कि राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने आखिरी बार जमीन की रिजर्व प्राइज साल 2019 में बढ़ाई थी। इसके बाद कोरोना की दस्तक से जूझते रहे। साल 2020 में इन जमीनों के दामों में वृद्धि नहीं की गई। इसके बाद साल 2021 में भी सभी आवासीय अभियंताओं से जमीन की रिजर्व प्राइज बढ़ाने के प्रस्ताव मांगे गए थे, लेकिन उस समय भी कोविड के विषम परिस्थितियों का हवाला देकर बोर्ड ने कीमतें नहीं बढ़ाई थी।
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने नई आवासीय आरक्षित दरें जारी कर दी हैं। इन दरों के मुताबिक सबसे ज्यादा कीमत जयपुर की मानसरोवर स्कीम की बढ़ाई गई है। यहां साल 2019 तक आवासीय आरक्षित दर 15 हजार 815 रुपए प्रति वर्गमीटर थी, जिसे 66 फीसदी तक बढ़ाकर 26 हजार 180 रुपए प्रति वर्गमीटर कर दिया। सूत्रों के अनुसार आवासीय आरक्षित दर उस एरिया में किए गए डवलपमेंट पर होने वाले खर्चे पर होती है। जयपुर के मानसरोवर में वर्तमान में सिटी पार्क विकसित किया जा रहा है, जो करीब 10 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है।
जयपुर में मानसरोवर के अलावा दो अन्य योजनाओं की कीमतों में बृद्धि देखने को मिली है। प्रताप नगर सांगानेर में 29 और इंदिरा गांधी नगर जगतपुरा में रिजर्व प्राइस 32 फीसदी बढ़ाई है। राज्य के दूसरे सबसे बड़े शहर जोधपुर में कुड़ी भगतासनी फेज 1 व 2 और उदयपुर की गोवर्धन विलास और सविना खेड़ा की आवासीय आरक्षित दर 8.51 फीसदी का इजाफा किया है। एज्युकेशन सिटी कोटा की कुन्हाड़ी योजना की रिजर्व प्राइज में बोर्ड ने 35 फीसदी का इजाफा किया है।