अलवर सरिस्का  के जंगलों में रविवार देर रात आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विक्राल रूप ले लिया और 50 हेक्टेयर जंगल क्षेत्र में फ़ैल गई। आग की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंच गई, जहां वह देर पहाड़ियों और जंगल में फायर लाइन बना कर आग पर काबू पाने का प्रयास करते नजर आये। ज्यादातर हिस्सों में आग को बुझा दिया गया है, लेकिन कुछ हिस्सों में अभी भी आग लगी हुई है। जिस पर काबू पाने की कोशिश लगातार जारी है। 

रविवार शाम सरिस्का के अकबरपुर रेंज के बलेटा, पृथ्वीपुरा और कटी घाटी के जंगलों में अचानक आग लग गई। देर शाम होते-होते आग तेजी से बढ़ने लगी, रात में इन आग की लपटों को दूर से देखा जा सकता था। आग की लपटें देखकर ग्रामीणों ने अजबगढ़ रेंजर को सूचना दी। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने, ग्रामीणों के सहयोग से फायर लाइन बनाकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया। आग के फैलने के चलते प्रशासन ने आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में अनाउंसमेंट करवाया। जिसमें बताया गया कि, "जंगल में आग लगने के कारण जंगली जानवर आबादी क्षेत्र में आ रहे हैं, इसलिए आप अपने परिवार की सुरक्षा को देखते हुए घरों में ही रहें।"

जंगल की आग को फायर ब्रिगेड से नहीं बुझाया जा सकता। जंगल में पहाड़ पर उबड़-खाबड़ रास्तों तक पहुंचना भी मुश्किल है। ऐसे में फायर लाइन की मदद से ही आग पर काबू पाया जा सकता है। इसमें एक रेखा खींची जाती है, जिसमें से ज्वलनशील घास, टहनियां, सूखे पत्ते आदि हटा दिए जाते हैं। गीली टहनियां, हरी पत्तियां आदि उस स्थान पर रखे जाते हैं। यह आग को फैलने से रोकता है। सुबह भी 30 से 40 वनकर्मियों ने ग्रामीणों की मदद से फायर लाइन बनाने का काम किया।