मालवा-निमाड़ के दावेदारों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा


भोपाल । भाजपा परिवारवाद को लेकर कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों पर हमला बोलती है। हाल ही में खरगोन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसी मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा था। हालांकि मालवा-निमाड़ में कई पार्टी नेताओं को आस है कि उनकी विरासत परिवार के व्यक्ति को सौंपी जाएगी। वे बेटे-बहू को विधानसभा का टिकट दिलवाने की जोड़-तोड़ में लगे हैं। ऐसे दावेदारों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है। यदि पार्टी ने परिवारवाद से किनारा किया तो कई नेताओं के अरमानों पर पानी फिर जाएगा।
मालूम हो, पूर्व में भी कई भाजपा नेताओं के बेटों को टिकट दिया गया था। राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार को उनके पिता भैरूलाल पाटीदार की राजनीतिक विरासत सौंपी गई। विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा धार से विधायक हैं। वन मंत्री रहे निर्भयसिंह पटेल के नहीं रहने पर उनके बेटे मनोज पटेल को टिकट दिया गया। देवीसिंह पटेल के बेटे अंतरसिंह पटेल, वीरेंद्र कुमार सकलेचा के बेटे ओमप्रकाश सकलेचा को चुनाव लड़ाया। सांसद रहे लक्ष्मीनारायण पांडे के बेटे डॉ. राजेंद्र पांडे चार बार के सांसद हैं। उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया, खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, मनोज ऊंटवाल, राजेंद्र फूलचंद वर्मा और रेखा रत्नाकर को परिवार की वजह से टिकट मिला।

ये नेता चाहते हैं परिवार के लिए टिकट
सुमित्रा महाजन: लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष अपने बेटे मिलिंद को विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहती हैं।
थावरचंद गेहलोत: कर्नाटक के राज्यपाल के बेटे जितेंद्र 2018 में घट्टिया से चुनाव हार गए थे। इस बार आलोट से उनके टिकट का प्रयास है।
सत्यनारायण जटिया: भाजपा के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य बेटे के लिए आगर से टिकट चाहते हैं। वे बोल चुके हैं कि नेता का पुत्र होना दोष नहीं है।
नंदकुमार चौहान: नंदकुमार चौहान ने खंडवा सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व किया। उनके बेटे हर्षवर्धन बुरहानपुर से टिकट चाहते हैं।
डीजी डामोर: झाबुआ सांसद भी अंदरखाने चाहते हैं कि उनके बेटे को टिकट मिले।
विजय शाह: पत्नी भावना शाह को महापौर बना चुके हैं। अब बेटे दिव्यादित्य को विधानसभा का टिकट दिलाना चाहते हैं।
मालिनी गौड़: इंदौर चार की विधायक बेटे एकलव्य गौड़ को आगे कर रही हैं।
सुलोचना रावत: जोबट विधायक चाहती हैं कि पार्टी उनके बेटे विशाल को टिकट दे।
गायत्रीराजे पंवार: विधायक चाहती हैं कि विरासत बेटे विक्रम को दी जाए।
अंतरसिंह आर्य: पूर्व मंत्री अपने बेटे विकास को विरासत सौंपना चाहते हैं।
लोकेंद्र सिंह: मांधता से बेटे दिग्विजय ङ्क्षसह का टिकट मांग रहे हैं।
हुकुम यादव: बेटे मंगल यादव को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। इनकी बहू खंडवा नगर पालिका अध्यक्ष हैं।
बाबूलाल महाजन: खरगोन से बहू के लिए टिकट मांग रहे हैं।
गोपाल कनोज: मनावर से बेटे शिव कुमार के लिए प्रयास कर रहे हैं।