राजस्थान के भरतपुर में पिछले 40 घंटों से वर्षा का क्रम जारी, दौसा में 8 इंच गिरा पानी
जयपुर । राजस्थान में मानसून के विदा हो जाने के बाद भी वर्षा का क्रम जारी है। पूर्वी राजस्थान में बीते दो-तीन से हो रही बारिश ने सबकुछ जलमग्न कर दिया है। शहर, कस्बे और गांव पानी में डूबे हैं। फसलें तबाह हो चुकी हैं। नदी नाले उफान मार रहे हैं। बांधों के गेट फिर से खोल दिए गए हैं। जगह-जगह रास्ते जाम हैं। भरतपुर में तो बीते 40 घंटों से बारिश का दौर चल रहा है। वहीं दौसा में रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक बीत 36 घंटों में आठ इंच पानी गिर चुका है। बारिश ने किसानों और आम लोगों को रुला दिया है, लेकिन वह कि थमने का नाम नहीं ले रही है।
बारिश से राजस्थान के शहर और गांव एक बार फिर ताल तैलयों में तब्दील हो गए हैं। सड़कें नहरों जैसी नजर आ रही हैं। भरतपुर में आसमानी आफत से लोग आजिज आ चुके हैं। बीते 40 घंटे से लगातार बारिश का क्रम जारी है। सबसे ज्यादा बारिश भरतपुर, बयाना और रूपबास इलाके में हुई है। बयाना में नदी नाले उफान पर हैं। जंगलों में झरने बह रहे हैं। भरतपुर शहर में कलेक्ट्रेट से लेकर पुलिस लाइन तक सब पानी में डूबे हैं। लोगों के घरों में तीन-तीन फीट पानी चढ़ा हुआ है। बयाना और रूपवास उपखंड के कई गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।
करौली में शनिवार रातभर वर्षा का क्रम जारी रहा। रविवार सुबह बीते 24 घंटों के दौरान वहां के श्रीमहावीरजी में सर्वाधिक 170 एमएम, नादौती में 119, हिंडौन 97 और करौली में 64 एमएम बारिश हुई। इससे पांचना बांध का गेज 257.50 मीटर तक पहुंच गया जबकि इसका अधिकतम गेज 258।62 मीटर है। बांध में पानी की आवक के चलते प्रशासन ने डाउनस्ट्रीम में अलर्ट जारी किया है। बारिश से चंबल नदी में भी पानी की जोरदार आवक हो रही है। वहीं कोटा संभाग में भी नदी नाले उफने से कई मार्ग बंद हो चुके हैं।
दौसा रविवार को सुबह तक बीते 36 घंटों करीब 8 इंच बारिश हुई। जबकि दौसा के सिकराय में 182 एमएम, लालसोट में 124, बांदीकुई में 140, बसवा में 166 और महवा में 130 एमएम बारिश दर्ज की गई है। धौलपुर में भारी बारिश के चलते आंगई बांध के 10 गेट खोले दिए गए हैं। उसके बाद बाड़ी- बसेड़ी स्टेट हाईवे को बंद कर दिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से हाईवे पर बसेड़ी थाना पुलिस के जवान किए तैनात कर दोनों साइड बैरिकेडिंग कर दी गई है। भूतेश्वर नदी के पुल के ऊपर भी पानी छलक रहा है। लोगों को नदी किनारे नहीं जाने की की हिदायत दी गई है।