नई दिल्ली । देश में अमृत कलश यात्रा ‎निकालकर साढ़े सात हजार कलशों में ‎वि‎भिन्न प्रांतों से ‎मिट्टी लाकर ‎दिल्ली में अमृत वा‎टिका तैयारी की जाएगी। यह बात पीएम नरेन्द्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के 103वें ऐ‎पिसोड को संबो‎धि त करते हुए कही। इसके ‎लिए उन्होंने युवाओं से मेरी माटी मेरा देश से जुड़ने का आह्वान भी ‎किया। उन्होंने कहा कि जुलाई का महीना यानी मॉनसून का महीना, बारिश का महीना। बीते कुछ दिन, प्राकृतिक आपदाओं के कारण, चिंता और परेशानी से भरे रहे हैं। लेकिन हम सब देशवासियों ने सामूहिक प्रयास से आफत को टाला है। पीएम मोदी ने वृक्षारोपण को लेकर कहा कि बारिश का यही समय ‘वृक्षारोपण’ और ‘जल संरक्षण’ के लिए जरुरी है। आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में भी रौनक बढ़ गई है। अभी 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों को बनाने का काम चल रहा है। हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ ‘जल संरक्षण’ के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने एक फ्रेंच मूल की महिला शारलोट शोपा का ‎जिक्र करते हुए कहा ‎कि बीते दिनों जब मैं फ्रांस गया था तो इनसे मेरी मुलाकात हुई थी। शारलोट शोपा एक योग टीचर हैं, और उनकी उम्र, 100 साल से भी ज्यादा है। वो पिछले 40 साल से योग प्रैक्टिस कर रही हैं। वो अपने स्वास्थ्य और 100 साल की इस आयु का श्रेय योग को ही देती हैं। वो दुनिया में भारत के योग विज्ञान और इसकी ताकत का एक प्रमुख चेहरा बन गई हैं। इन से हर किसी को सीखना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हम न केवल अपनी विरासत को अंगीकार करें, बल्कि, उसे जिम्मेदारी से साथ विश्व के सामने प्रस्तुत भी करें। ऐसा ही एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है। यहां देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे। इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, यानि कुछ समय बाद महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे। पीएमने कहा ‎कि कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक अद्भुत क्रेज दिखा। अमेरिका ने हमें सौ से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां वापस लौटाई हैं। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इन कलाकृतियों को लेकर खूब चर्चा हुई। युवाओं में अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव दिखा। 
पीएम मोदी ने नशा मुक्ति पर भी अपनी बात रखते हुए कहा कि हमें देश की भावी पीढ़ियों को बचाना है, तो उन्हें ड्रग्स से दूर रखना ही होगा। इसी सोच के साथ, 15 अगस्त 2020 को ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ की शुरुआत की गई थी। इस अभियान से 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को जोड़ा गया है। उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में ‎मिनी ब्राजील है। शहडोल और उसके आसपास के काफ़ी बड़े इलाके में 1200 से ज्यादा फुटबाल क्लब बन चुके हैं। यहाँ से बड़ी संख्या में ऐसे खिलाड़ी निकल रहे है, जो, नेशनल लेवल पर खेल रहे हैं। एक आदिवासी इलाका जो अवैध शराब के लिए जाना जाता था, नशे के लिए बदनाम था, वो अब देश की फुटबॉल नर्सरी बन गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हम सभी पूरे उत्साह से ‘अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं। ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान देश में करीब-करीब दो लाख कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। ये कार्यक्रम एक से बढ़कर एक रंगों से सजे थे, विविधता से भरे थे। इन आयोजनों की एक खूबसूरती ये भी रही कि इनमें रेकॉर्ड संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया। पीएम ने कहा कि आज जब देश में, चारों तरफ ‘अमृत महोत्सव’ की गूंज है, 15 अगस्त पास ही है तो देश में एक और बड़े अभियान की शुरुआत होने जा रही है। शहीद वीर-वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिए ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान शुरू होगा। ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान में हिस्सा लेकर हम इन ‘पंच प्राणों’ को पूरा करने की शपथ भी लेंगे। देश की पवित्र मिट्टी को हाथ में लेकर शपथ लेते हुए अपनी सेल्फी को युवा डॉट गोव पर जरुर अपलोड करें।
पीएम ने कहा कि मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के तहत देशभर में अमृत कलश यात्रा भी निकाली जाएगी। देश के गांव-गांव से कोने-कोने से 7500 कलशों में मिट्टी लेकर ये यात्रा देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेगी। यात्रा देश के अलग-अलग हिस्सों से पौधे भी लेकर आएगी। 7500 कलशों में आई माटी और पौधों से मिलाकर नेशनल वॉर मैमोरियल के समीप अमृत वाटिका का निर्माण किया जाएगा। जैसे पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के लिए पूरा देश एक साथ आया था, वैसे ही हमें इस बार भी फिर से, हर घर तिरंगा फहराना है, और इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ाना है। 
पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात में उन मु‎‎स्लिम म‎हिलाओं का भी ‎जिक्र ‎किया जो हाल ही में हज से लौटकर आई हैं। इन म‎हिलाओं ने पीएम को को चिट्ठी लिखी है। इन्‍होंने अपनी हज यात्रा किसी पुरुष सहयोगी (मेहरम) के बगैर की। उन्‍होंने बताया कि यह संख्‍या चार हजार से ज्‍यादा है। पहले मुस्लिम महिलाओं को बिना मेहरम हज करने की इजाजत नहीं थी। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के माध्‍यम से सऊदी अरब सरकार का आभार व्‍यक्‍त किया। बिना मेहरम हज के लिए जा रही महिलाओं के लिए वुमेन कोर्डिनेटर नियुक्‍त की गई थीं। बीते कुछ साल में हज पॉलिसी में हुए बदलावों की प्रधानमंत्री ने सराहना की। पीएम ने मुस्लिम समुदाय से जुड़े बड़े बदलाव के बारे में बताया। सऊदी अरब सरकार ने इस बाबत खास प्रबंध किए थे। मुस्लिम माताओं और बहनों ने इस बारे में उन्‍हें काफी कुछ लिखा है। अब ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को हज पर जाने का मौका मिल रहा है। हज यात्रा से लौटे लोगों ने खासतौर से माताओं और बहनों ने चिट्ठी लिखकर अपनी भावनाएं जाहिर की हैं।